Dhirendra Shastri: इन दिनों बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री चर्चा का विषय बने हुए हैं। जहां उनके चमत्कार को लेकर लोग कई सवाल खड़े कर रहे हैं, वही लाखों की संख्या में भक्त पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा सुनने पहुंचते हैं। इन दिनों धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का ट्रेन में बिना टिकट पकड़े जाने का मामला भी सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल, एक इंटरव्यू के दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा की यह भी दुनिया को बताना चाहिए कि मैं टीटी से 1100 रुपए लेकर लौटा था। उन्होंने इस पर कहा कि अपने वाईवाई के दम पर उसके बाप का नाम बता कर ये रुपए लेकर आए थे।
इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि वह कोई भगवान नहीं है बल्कि एक आम इंसान है। बस उनके ऊपर बजरंगबली की कृपा है। पैसे और दान लेने की बात पर वे कहते हैं दक्षिणा लेने की परंपरा महाभारत काल से ही चली आ रही है। वे जिस परंपरा से आते हैं उसमें अंगूठा तक दान में दे दिया गया था। उन्होंने कहा कि जो भी उनके दरबार में आता है प्रेम से जो कुछ देते हैं वह प्रेम स्वरूप स्वीकार करते हैं। उन्होंने बताया कि उन पैसों से लोगों की भलाई का काम किया जाता है।
कई मुस्लिम मित्र हैं धीरेंद्र शास्त्री के(Dhirendra Shastri)
इंटरव्यू के दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि साईबाबा या किसी भी संत से कोई मतलब नहीं है और ना ही कोई बैर है। मुझे दिक्कत उन लोगों से है जो खुले मंच से संत और सनातनियों को मारने काटने की बात करते हैं और उनके खिलाफ गाली गलौज करते हैं। उन्होंने बताया कि आज भी लगभग 400 से 500 मुस्लिम परिवार उनके साथ है। उन्होंने यहां तक कहा कि उनके कई मुस्लिम दोस्त है। आज भी उनसे उनकी बात होती है।
स्कूली बच्चों को बताते थे नंबर
इंटरव्यू के दौरान ही पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि दरबार 3 पीढ़ियों से लगा रहे हैं। दादा गुरुजी के समय से इसकी शुरुआत हुई थी। हम भी 11 साल से लगा रहे हैं। उन्होंने अपने स्कूल का एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि स्कूल के बच्चे अक्सर उनसे पूछते थे कि उनके परीक्षा में कितने नंबर आएंगे तो वे उनसे कह देते थे कि इस बार 55 आए हैं। अगली बार और मेहनत करो 60 परसेंट भी आ जाएंगे।