देसी गाय पालने पर किसानों को ₹30,000 की सब्सिडी दे रही सरकार, जानें कैसे मिलेगा लाभ

हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एक नई और अनोखी योजना शुरू की है, जिसके तहत किसानों को देसी गाय पालने के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना और रासायनिक खादों के उपयोग को कम करना है। अब किसान अपने खेतों में जैविक खाद का उपयोग कर सकेंगे और साथ ही गाय पालन से अपनी आय भी बढ़ा सकेंगे।

देसी गाय पर सरकारी सब्सिडी

इस योजना के तहत सरकार किसानों को हर देसी गाय पर ₹30,000 की सब्सिडी देगी। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा की जाएगी। इस योजना का लाभ वही किसान उठा सकेंगे जो प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और जिनके पास कम से कम 2 से 5 एकड़ जमीन है। इस पहल का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है।

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा

देसी गाय का गोबर और गौमूत्र खेतों के लिए बेहतरीन जैविक खाद और प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में काम आता है। इससे खेती की लागत कम हो जाती है और फसल की गुणवत्ता बेहतर हो जाती है। प्राकृतिक खेती से जमीन की उर्वरता बनी रहती है और फसलों का उत्पादन भी बढ़ता है, जिससे किसानों की आमदनी में इजाफा होता है।

योजना का लाभ कैसे लें?

इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ शर्तों को पूरा करना होगा। किसान के पास परिवार पहचान पत्र, बैंक पासबुक, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर होना चाहिए और किसान ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकृत होना चाहिए। केवल वे किसान जो इन शर्तों को पूरा करेंगे, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा।

हरियाणा सरकार की यह योजना किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है। देसी गाय पालने से न केवल जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किसानों की आय भी बढ़ेगी। इससे खेतों में रसायनों के उपयोग में कमी आएगी और फसलें शुद्ध व प्राकृतिक होंगी।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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