▪️ उत्तम मालवीय, बैतूल
कुछ लोगों के लिए भले ही बेटियां बोझ होती है, लेकिन कुछ लोग बेटी के लिए तरसते हैं। बैतूल जिले के पाढर का राठौर परिवार भी बीते 18 साल से बेसब्री से बेटी का इंतजार कर रहा था। उनका यह इंतजार आखिरकार खत्म हुआ। दो दिन पहले जैसे ही उनके परिवार में लाड़ली लक्ष्मी का आगमन हुआ तो पूरे परिवार को लगा जैसे खुशियों का जहां मिल गया है। इसके बाद आज बेटी का शान के साथ घर लाया गया। धूमधाम से राजकुमारी की तरह उसका स्वागत किया गया।
पाढर निवासी व्यापारी इंदल राठौर के परिवार में पिछले 18 सालों से बेटी का जन्म नहीं हुआ था। श्री राठौर और उनके पिता रामकिशन राठौर को भी परिवार में बेटी का खासा इंतजार था। रामकिशन राठौर के 3 बेटे हैं। इनमें से अभिषेक राठौर और अरूण राठौर का विवाह हो चुका है। अभिषेक का एक बेटा है। अरूण के घर जब से खुशखबरी आने की खबर परिवार को लगी तो उसके बाद से ही सभी यही चाह रहे थे कि बेटी ही हो।
दो दिन पहले अरूण की पत्नी पायल ने स्वस्थ बेटी को जन्म दिया। बेटी के जन्म की सूचना मिलने के बाद से ही पूरा परिवार खुशी से फूला नहीं समा रहा था। उसके बाद से ही उसकी शानदार आगवानी की तैयारी में सब लग गए थे। इसके बाद आज जब पायल अपनी बेटी को लेकर घर पहुंची तो उसका ऐसा स्वागत हुआ कि पूरे ग्राम के लिए यह मिसाल बन गया। देखें वीडियो…
नवजात बेटी और उसकी मां पायल को फूलों से सजी कार में गाजे-बाजे के साथ घर लाया गया। घर को भी गुब्बारों और फूलों से बेहतरीन अंदाज में सजाया गया। इसके बाद जैसे ही बेटी घर पहुंची तो कुमकुम से उसके शुभ पदचिन्ह बनाए गए। पूरे परिवार ने बेटी को खूब लाड़ दुलार दिया। इस परिवार की यह खुशियां बाकी लोगों और परिवारों के लिए भी मिसाल बन गया।