Cow Dung Tractor : अब गाय के गोबर से चलेगा ट्रैक्टर, डीजल से कम होगा खर्च, यह है खासियत

Cow Dung Tractor : अब गाय के गोबर से चलेगा ट्रैक्टर, डीजल से कम होगा खर्च, यह है खासियत

Cow Dung Tractor : आपको शायद ये सुनकर आश्चर्य होगा कि गाय के गोबर से ट्रैक्टर चलाया जा सकता है। सभी ने पेट्रोल और डीजल से तो गाडियां चलते हुए देखी होगी, लेकिन क्या आपने कभी गाय के गोबर से ट्रैक्टर चलते हुए देखा है? आप कहेंगे बिलकुल नहीं, ये बात सच है कि गाय के गोबर से ट्रैक्टर भी चलाया जा सकता है।

ब्रिटेन की एक कंपनी ने अनोखा आविष्‍कार क‍िया है। उन्‍होंने एक ऐसा ट्रैक्‍टर उतारा है जो पूरी तरह गाय के गोबर से चलता है (Cow Dung Tractor)। इस रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा ट्रैक्टर तैयार किया जा चुका है, जो गोबर से चलेगा। इसका नाम T7 है। आइए डालते हैं इस ट्रैक्टर पर एक नजर।

डीजल की जगह बायोमीथेन का इस्‍तेमाल (Cow Dung Tractor)

इसे चलाने के लिए गाय के खाद को एक चैंबर में रखा जाता है और फ‍िर उससे बायोमीथेन (Biomethane) बनाया जाता है। इसके लिए ट्रैक्‍टर के पीछे एक बड़ा सा टैंक लगाया गया है। इसका क्रायोजेनिक ईंधन टैंक (Cryogenic Fuel Tank) -162 डिग्री सेल्सियस पर मीथेन को तरल के रूप में रखता है जिससे गाड़ी को डीजल जितनी शक्ति मिलती है लेकिन जरूरी उत्सर्जन बचत के साथ। बीते दिनों जब पायलट रन के दौरान इसकी क्षमता देखी गई तो पता चला क‍ि कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को सिर्फ एक साल में 2500 टन से घटाकर 500 टन कर देता है। वैज्ञानिक इसे चमत्‍कार मान रहे हैं।

जलवायु पर‍िवर्तन का मुकाबला

साइंटिस्‍ट के मुताबिक, इस प्रौद्योगिकी में वातावरण से बड़ी मात्रा में मीथेन को हटाकर जलवायु बदलाव का मुकाबला करने की क्षमता है। मीथेन में वायुमंडल को गर्म करने की क्षमता कार्बन डाइऑक्साइड (carbon dioxide) के मुकाबले 80 गुना से अधिक होती है, इसलिए इसे हटाकर और इसे अच्छे इस्तेमाल में लाकर हम ग्लोबल वार्मिंग से तेजी से निपटने में सहायता कर सकते हैं। कंपनी प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोगक की भी जांच कर रही है और आशा है कि एक दिन ग्रामीण इलाकों में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।

World's first tractor powered by COW DUNG is unveiled - and it could help to tackle climate change | Daily Mail Online

कहां से आएगा इतना गोबर

साइंटिस्‍ट के मुताबिक, 100 गायों का झुंड प्रति साल तीन टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर मीथेन गैस का उत्पादन करता है। मीथेन सबसे ताकतवर ग्रीनहाउस गैसों में से एक है, जो कार्बन डाइऑक्साइड की समान मात्रा की तुलना में 30 गुना अधिक गर्मी पैदा करती है। इतना नही नहीं, 150 गायों का फार्म प्रति साल 140 घरों के कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को संतुलित करेगा।

जीरो बजट खेती की ओर बड़ा कदम

एलईपी के अध्यक्ष, मार्क डड्रिज ने कहा: ‘बायोमीथेन में बड़ी क्षमता है। यदि हम उत्सर्जन को कम करते हुए बढ़ती लागत और अस्थिर ऊर्जा की कीमतों के मुकाबले अपने कृषि उद्योग को ऊर्जा-स्वतंत्र बना सकते हैं, तो हम ग्रामीण समुदायों के लिए एक बड़ा आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान कर सकते हैं। अधिक खाद्य सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। यह जीरो बजट खेती की ओर बढ़ने जैसा होगा।

मीथेन के साथ मिलेगी खाद भी

बता दें कि मीथेन निकलने के बाद गाय का गोबर का अवशेष बच जाता है। यह बहुत उपजाऊ होता है। इसका खाद के रूप में खेतों में प्रयोग कर फसलों की पैदावार बढ़ाई जा सकती है। इससे रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग भी कम होगा।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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