◼️ उत्तम मालवीय, बैतूल
सड़क किनारे लगने वाली दुकानों के कारण आवागमन में होने वाली दिक्कत को लेकर बैतूल की स्थाई लोक अदालत (लोक उपयोगी सेवाओं के लिए) ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। अदालत ने फैसला दिया है कि सड़क पर आम जनता और वाहनों के आवागमन व परिवहन के संबंध में उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं। ताकि आवागमन व परिवहन में कोई दिक्कत न आए। यदि ऐसा नहीं हो पा रहा है तो बाजार या अवरोध करने वाले कारणों को उक्त मार्ग से तत्काल हटाएं।
इस संबंध में बैतूल के वरिष्ठ अधिवक्ता आकाश शुक्ला ने स्थाई लोक अदालत में याचिका दायर की थी। उन्होंने इस मामले में मुख्य नगर पालिका अधिकारी बैतूल, पुलिस अधीक्षक बैतूल, कलेक्टर बैतूल और लोक निर्माण विभाग बैतूल के कार्यपालन यंत्री को प्रतिवादी बनाया था। दायर की गई याचिका में कहा गया था कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से कॉलेज, थाना चौक से कमानी गेट व थाना चौक से लल्ली चौक, गेंदा चौक से इटारसी रोड सहित अन्य कई जगह अवैधानिक रूप से जगह-जगह सड़कों के किनारे पर बाजार लगता है।
यहां बाजार करने वाले सब्जी खरीदते समय बेतरतीब वाहन खड़े कर देते हैं। जिससे सड़कों पर आवागमन बाधित होता है। इससे दुर्घटनाएं होने की संभावना भी बढ़ जाती है। सड़कों के किनारे बाजार लगाने से रोकने के लिए नगर पालिका बैतूल, यातायात पुलिस बैतूल व लोक निर्माण विभाग बैतूल द्वारा आवश्यक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जिससे शहर में वाहनों का निर्बाध आवागमन बाधित हो रहा है। उन्होंने मांग की थी कि विभागों के द्वारा बाजार निर्धारित स्थानों पर विधिवत लगवाएं जाएं। इसके साथ ही प्रतिदिन आम एवं मुख्य सड़कों के किनारे अवैध रूप से लग रहे बाजार हटवाए जाने की मांग की थी।
याचिका पर नोटिस जारी कर प्रतिवादियों से जवाब तलब किए गए। नपा सीएमओ और कलेक्टर की ओर से जवाब प्रस्तुत किया गया कि साप्ताहिक बाजारों में आवागमन व यातायात में होने वाली बाधाओं को हटाए जाने नियमानुसार कार्यवाही किए जाने की समुचित व्यवस्था की जा रही है। वहीं एसपी की ओर से प्रस्तुत जवाब में यातायात सुचारू जारी रखने के लिए की गई कार्यवाहियों का ब्योरा दिया गया। जबकि पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री द्वारा बाजार संबंधी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी नगर पालिका की बताई गई।
यह भी पढ़ें… Jhamajham barish : मानसून की पहली झमाझम बारिश, बैतूल में हो गई ढाई इंच बारिश, सूखे जल स्रोतों की बुझी प्यास
सभी पक्षों के सुनने के बाद अदालत द्वारा यह निर्णय दिया गया कि सभी अनावेदक उक्त मार्गों पर आम जनता, राहगीरों एवं वाहनों के आवागमन व परिवहन के संबंध में ऐसी व्यवस्था की जाना सुनिश्चित करें कि कोई बाधा उत्पन्न न हो। साथ ही लोगों को यह सुविधा निर्बाध रूप से निरंतर मिलती रहे। यदि बाजार से आम जनता के निर्बाध आवागमन एवं यातायात संबंधी उत्पन्न हो रही है तो उक्त बाजार या अवरोध उत्पन्न करने वाले कारणों को उक्त मार्ग से तत्काल हटाएं।
यह भी पढ़ें… एमपी में अब वरिष्ठतम अधिकारी ही बनाए जा सकेंगे बीईओ, जनजातीय कार्य आयुक्त ने जारी किए आदेश