▪️ उत्तम मालवीय, बैतूल
न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश भैंसदेही ने आरोपी सतीश पिता मोंग्या चौहान (25) निवासी ग्राम चिल्लौर, थाना मोहदा को धारा 363, 360, 370 (2) (एन) भादंवि एवं पॉक्सो में दोषी पाया है। उसे धारा 363 में 5 वर्ष के कठोर कारावास एवं 1 हजार रुपये जुर्माना, धारा 366 में 7 वर्ष के कठोर कारावास एवं 1 हजार रुपये जुर्माना, धारा 376 (2) (1) में आजीवन कारावास एवं 1 हजार रुपये जुर्माना, पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 5000 रुपये जुर्माना से दंडित किया है।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी भैंसदेही मनवीर सिंह ठैनुआँ द्वारा की गई। घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि पीड़िता के पिता द्वारा 8 सितंबर 2016 को थाना भैंसदेही में रिपोर्ट लिखाई गई थी कि पीड़िता की जन्म तारीख 18.08.1999 है।
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आरोपी सतीश ग्राम चिल्लौर का निवासी है। वह 6 सितंबर 2016 की रात्रि में उसकी नाबालिग लड़की को भगाकर ले गया है। उसने ग्राम चिल्लौर जाकर सतीष के घर पर उसका पता किया, लेकिन सतीश घर पर नहीं था। उसे पूरी शंका है कि पीड़िता को सतीश ही भगाकर ले गया है। विवेचना के दौरान 7 नवंबर 2016 को दस्तयाब किया गया और उसके बयान लिये गये।
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पीड़िता ने बताया कि वह घटना दिनांक को रात के समय घर में सोयी हुई थी। तब अचानक आरोपी आया था और उसे उठाकर बाहर ले गया था। उस समय वह नींद में थी। अभियुक्त उसे मोटर साइकिल से चिल्लौर गांव ले गया। आरोपी उसे चिल्लौर से अपने मामा के गांव रोशनी तरफ ले गया और उसे वहां पर रखा। उसके साथ कई बार बलात्कार किया। आरोपी ने उसे वहां 5 दिन तक रखा और जबरदस्ती उसके साथ कई बार बलात्कार किया।
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इसके बाद आरोपी उसे कुंड गांव ले गया। वहां पर करीब 1 महीने उसे रखा और उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार करता रहा। उसने आरोपी से कहा था कि वह घर जाएगी तो आरोपी ने उसे जान से खतम करने की धमकी दी थी। इसके बाद आरोपी उसे चिल्लौर ले आया था। वहां से उसने अपने पिता को फोन कर दिया।
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उसके पिता चिल्लौर आए और उसे वहां से लेकर थाने गए। प्रकरण की विवेचना पूर्ण कर पुलिस द्वारा अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया। इस पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्तानुसार दण्ड से दण्डित किया है।