▪️ अंकित सूर्यवंशी, आमला
College Admission: यह कैसा बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ नारा है मध्य प्रदेश में। भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के समस्त शासकीय तथा अशासकीय महाविद्यालयों में बीए, बीकाम, बीएससी, एमएससी, एमए, एमकाम एवं अन्य पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर छात्र-छात्राओं से 500 रु रजिस्ट्रेशन शुल्क उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन को जा रहा है।
वहीं ऑनलाइन किओस्क सेंटर वाला 50 से 100 लेकर ही रजिस्ट्रेशन करता है। इस तरह प्रत्येक बच्चे को लगभग 600 रुपए देने पड़ते हैं। विगत वर्षों में कोरोना वायरस से वैसे ही छात्र-छात्राओं और अभिभावकों की स्थिति बुरी है। एक तो खेती किसानी में मौसम की मार से आर्थिक परेशानियां, ऊपर से पालकों पर बच्चों की पढ़ाई का बोझ, चारों तरफ से आफत ही आफत दिखाई दे रही है। प्रदेश के प्रत्येक जिले में महाविद्यालय में प्रवेश के लिए छात्र-छात्राएं रजिस्ट्रेशन करते हैं हमारे बैतूल जिले में ही लगभग 5 से 7000 बच्चे प्रवेश हेतु रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरते हैं। प्रत्येक बच्चे से 550 भी माना जाए तो राशि 3850000 होती है। इस तरह प्रदेश के 53 जिलों में अगर निकाला जाए तो या राशि करोड़ों में होगी।
बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ, नारी सम्मान और शिक्षा की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार इस तरह गरीब, बेरोजगार शिक्षा प्राप्त करने के लिए महाविद्यालय का रुख करने वाले बच्चों से पैसा वसूल कर रही है। जिसके कारण गरीब किसान एवं आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राएं पढ़ना छोड़ देते हैं। शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधि सहित नेताओं को यह समझना होगा कि वास्तव में आपकी मंशा सही है और आप पढ़ाई कराना चाहते हैं तो इन सब पर तुरंत रोक लगानी चाहिए। बेचारे दो समय का भोजन प्राप्त करने के लिए तो कड़ी मशक्कत करते हैं उस पर से हर घर शिक्षा हर गरीब को शिक्षा का डंका पीटने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार को इन बच्चों के बारे में सोचना चाहिए और इन से लिए जाने वाले रजिस्ट्रेशन शुल्क को तुरंत माफ करके बच्चों के हित में काम करना चाहिए।
इस बार 12वीं कक्षा में उत्तीर्ण हुई कुछ छात्र-छात्रा जिनमें रवीना मर्सकोले रतेडाकला, दीपिका भलावी रंबाखेड़ी, मुस्कान मोहबे, पवन गाठे, आयुष सूर्यवंशी भतोडिया, अरुण धुर्वे मंकूघाटी, शैलेंद्र पवार परसोडी, डीकेश यादव सिमरिया, वंदना जमबाड़ा से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि इतनी कड़ी मेहनत करके हम पास हुए हैं। हमें लगता था कि शिक्षा के लिए हम बेटियों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी परंतु यहां तो प्रवेश ही लेना है तो उसके लिए पहले 600 चुकाने पड़ रहे हैं हमारी स्थिति ना होते हुए भी हम मजबूरी में रजिस्ट्रेशन शुल्क को चुकाना पड़ रहा है। अन्यथा हम प्रवेश से वंचित रह जाएंगे।
कई छात्र-छात्राएं हमारे साथ ऐसी है जो इतनी फीस भी वहन नहीं कर पाती। वह पढ़ना छोड़ देती है। हमारी शासन प्रशासन से यही गुहार है कि इस शुल्क को माफ किया जाए और छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय में नि:शुल्क प्रवेश दिया जाए। तब माना जाएगा कि वास्तव में मामा बच्चों की फिक्र करते हैं और उनके पढ़ाई के प्रति चिंतित हैं। मुंह से बोलने और घोषणाएं करने से नहीं, जमीन पर काम करने से हम छात्र-छात्राओं का भला होगा सरकार को इस तरह ध्यान देना चाहिए।