Cashless Treatment : सड़क हादसों में घायलों का अब होगा कैशलेस इलाज, सरकार लाई यह योजना

Cashless Treatment : सड़क हादसा होने पर एक ओर जहां अगले कई दिन काम नहीं कर पाने की टेंशन होती है वहीं इससे पहलीा चिंता इलाज की होती है। गंभीर रूप से घायलों का इलाज कई दिनों तक चलता है। इसमें पैसा भी काफी लगता है। यही कारण है कि गरीब वर्ग के लोग इलाज कराने तक कर्जदार तक बन जाते हैं।

Cashless Treatment : सड़क हादसों में घायलों का अब होगा कैशलेस इलाज, सरकार लाई यह योजना

Cashless Treatment : सड़क हादसा होने पर एक ओर जहां अगले कई दिन काम नहीं कर पाने की टेंशन होती है वहीं इससे पहलीा चिंता इलाज की होती है। गंभीर रूप से घायलों का इलाज कई दिनों तक चलता है। इसमें पैसा भी काफी लगता है। यही कारण है कि गरीब वर्ग के लोग इलाज कराने तक कर्जदार तक बन जाते हैं।

अब चाहे वह गरीब हो या सक्षम लोग, उन्हें सड़क हादसों में घायल होने पर इलाज कराने की चिंता बिल्कुल नहीं रहेगी। अब उन्हें हादसे में घायल होने पर कैशलेस इलाज मिलेगा। इसका खर्च सामान्य बीमा कंपनियां देगी।

इस योजना के तहत प्रत्येक घायल व्यक्ति का डेढ़ लाख तक का इलाज किया जा सकेगा। इसके लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस परियोजना (आईआरएडी) को पूरे देश में लागू कर दिया गया है।

कैशलेस उपचार की बन रही योजना

इस बारे में जानकारी देते हुए एनआईसी में पदस्थ आईआरएडी मैनेजर अभिषेक वागद्रे ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 और मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत धारा 162 में संशोधन कर केंद्र सरकार द्वारा ‘स्वर्णिम समय’ (Golden Hour) के दौरान कैशलेस (नकद रहित) उपचार की योजना बनाई जा रही है। इस योजना के तहत सामान्य बीमा कंपनियां स्वर्णिम समय के दौरान दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस उपचार की सुविधा प्रदान करेंगी।

योजना का यह है विवरण

⊗ धारा 164बी: केंद्र सरकार मोटर वाहन दुर्घटना निधि (निधि) का गठन करेगी, जिसका उपयोग सड़क दुर्घटना पीड़ितों के उपचार के लिए किया जाएगा।

⊗ धारा 162: योजना के अनुसार दुर्घटना के 7 दिनों के भीतर प्रति पीड़ित अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार मिलेगा।

⊗ पात्रता: किसी भी श्रेणी की सड़क पर मोटर वाहनों के कारण हुई दुर्घटना में घायल सभी पीड़ित इस योजना के तहत पात्र होंगे।

इस तरह होगा कार्यान्वयन

इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के साथ पुलिस, सूचीबद्ध अस्पताल और राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (SHA) समन्वय में काम करेंगे। पीड़ितों का उपचार आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के ट्रॉमा और पॉलीट्रॉमा केयर पैकेज के अंतर्गत किया जाएगा।

TMS- ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम एप

सड़क दुर्घटना से संबंधित जानकारी को अस्पताल, पुलिस स्टेशन और अन्य संबंधित एजेंसियों के बीच साझा करने के लिए एक TMS एप्लिकेशन विकसित की गई है, जो आईआरएडी परियोजना के साथ समन्वय में कार्य करेगी।

योजना को लेकर बैठक आयोजित

इस योजना को लेकर पुलिस अधीक्षक बैतूल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और सभी थाना प्रभारियों की उपस्थिति में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। जिसमें योजना के क्रियान्वयन पर चर्चा हुई। पुलिस अधीक्षक बैतूल ने कहा कि यह योजना सड़क दुर्घटना पीड़ितों को समय पर उपचार और आर्थिक सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जिससे कई जानें बचाई जा सकेंगी।

निजी अस्पतालों को योजना से जोड़ने पर जोर

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को योजना के साथ जोड़ने और एंबुलेंस सेवाओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि दुर्घटना पीड़ितों को त्वरित उपचार उपलब्ध कराया जा सके।

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