BSP released 11 list of candidates in UP: 6 उम्मीदवारों के नाम सहित बसपा ने जारी की 11 वीं लिस्ट, क्या इस बार होगा यूपी की सियासत में खेला?

कहते हैं कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर गुजरता है।

उत्तर प्रदेश: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गुरुवार को अपने उम्मीदवारों की 11वीं सूची जारी कर दी है। पार्टी ने 6 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। साथ ही साथ लखनऊ पूर्वी सीट पर कराए जा रहे उपचुनाव के लिए भी उम्मीदवार घोषित किया है। पार्टी ने आलोक कुशवाहा को टिकट दिया है। वहीं, कैसरगंज लोकसभा सीट से नरेंद्र पांडे को प्रत्याशी बनाया है।

बसपा ने गोंडा से सौरभ कुमार मिश्रा, डुमरियागंज से मोहम्मद नदीम मिर्जा, कैसरगंज से नरेंद्र पांडे, संतकबीरनगर से नदीम अशरफ, बाराबंकी से शिव कुमार दोहरे और आजमगढ़ से मशहूद अहमद को टिकट दिया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने आजमगढ़ से तीसरी बार उम्मीदवार बदला है. पहले यहां से पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर। इसके बाद सबीहा अंसारी को टिकट दिया गया था। अब मशहूद अहमद उम्मीदवार होंगे।

अभी हाल ही में मायावती ने लोकसभा उम्मीदवारों की 10 सूची जारी की थी, जिसमें अमेठी, झांसी, प्रतापगढ़ से उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया। उन्होंने अमेठी से प्रत्याशी बदल दिया और नन्हें सिंह चौहान को टिकट दिया. पहले रवि प्रकाश मौर्या को मैदान में उतारा था। वहीं, झांसी से रवि प्रकाश कुशवाह और प्रतापगढ़ से प्रथमेश मिश्रा को टिकट दिया है।

बसपा रायबरेली सीट से भी अपने उम्मीदवार का ऐलान कर चुकी है। उसने ठाकुर प्रसाद यादव को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है। इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 मई को वोटिंग होगी और नामांकन करने का आखिरी दिन 3 मई है। अटकलें हैं कि सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा सदस्य बनने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं।

लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटें उत्तर प्रदेश में हैं। कहते हैं कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर गुजरता है। यहां लोकसभा की 80 सीटें हैं और राजनीतिक पार्टियां अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए जमकर पसीना बहा रही हैं। यहां त्रिकोणीय मुकाबला है। बीजेपी के सामने इंडिया गठबंधन खड़ा है, जिसमें समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए रणनीति बनाकर चुनावी अखाड़े में हैं। वहीं, बसपा अकेले दम पर ताल ठोक रही है। बसपा के अकेले दम पर चुनाव लड़ने से सियासी लड़ाई दिलचस्प हो गई है। पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा ने मिलकर बीजेपी को चुनौती दी थी।

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