Breaking News : बैतूल। कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने जिले के एसडीएम, तहसीलदारों और नायब तहसीलदार के जनवरी माह के वेतन आहरण पर रोक लगाई है। उन्होंने पहले ही इस संबंध में राजस्व अधिकारियों को चेतावनी दे दी थी। इसके बावजूद स्थिति नहीं सुधरने पर उन्होंने कार्यवाही की गाज गिरा दी।
जिले में कलेक्टर श्री सूर्यवंशी द्वारा राजस्व प्रकरणों के निराकरण, सीएम हेल्पलाइन, स्वामित्व योजना एवं धारणाधिकार योजना से संबंधित प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की जाती है। इस दौरान जिले के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों द्वारा उक्त प्रकरणों के निराकरण एवं योजनाओं की प्रगति में रूचि नहीं लिए जाने की बात सामने आई। (Breaking News)
इसी के चलते अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हो पाए। इस पर कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने कड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उनके जनवरी माह के वेतन आहरण पर रोक लगाई है। यह कार्यवाही समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के विरूद्ध भी की गई है। (Breaking News)
खेत की मेढ़ों पर करंट फैलाया तो खैर नहीं (Breaking News)
बैतूल कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने जिले की राजस्व सीमाओं के अंतर्गत फसलों को वन्य जीवों और पशुओं से बचाने हेतु खेतों की मेढ़ पर विद्युत प्रवाह किए जाने को अवैध घोषित करते हुए प्रतिबंध लगाया है। (Breaking News)
इस संबंध में बुधवार को आदेश जारी करते हुए कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने कहा कि जिले के थानों की मर्ग समीक्षा के दौरान मृत्यु का एक बड़ा कारण कृषकों द्वारा अपनी फसलों को वन्यजीवों, आवारा पशुओं से सुरक्षा/बचाव हेतु खेत की बाड़ों में अवैध रूप से विद्युत प्रवाह किया जाना संज्ञान में आया है। (Breaking News)
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यह कृत्य मानव एवं निरीह पालतु-पशुओं की असामयिक मृत्यु का कारण बन रहा है, अपितु वन्य क्षेत्रों से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में भी वन्य प्राणियों के अस्तित्व हेतु भी संकट का कारण है। ऐसी घटनाएं आए दिन सामने आते रहती है। (Breaking News)
इन घटनाओं पर अंकुश लगाने की दृष्टि से कलेक्टर द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए जिले की राजस्व सीमा के अंतर्गत फसलों को वन्?यजीवों/आवारा पशुओं से सुरक्षा-बचाव हेतु खेत की सीमाओं पर अवैध रूप से विद्युत प्रवाह किया जाना प्रतिबंधित किया गया है। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 188 के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी। (Breaking News)
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चाईनीज मांझे का उपयोग एवं व्यवसाय प्रतिबंधित (Breaking News)
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने पतंगबाजी में चाईनीज मांझे के उपयोग को पूर्णत: प्रतिबंधित किया है। अब जिले में किसी भी दुकानों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं अन्य स्थानों से चाईनीज मांझे का क्रय-विक्रय, उपयोग तथा भण्डारण पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति पतंगबाजी में न तो नायलॉन डोर/चायना डोर का निर्माण करेगा न ही क्रय-विक्रय करेगा। (Breaking News)
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इस संबंध में कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने बुधवार को आदेश जारी करते हुए कहा कि वर्तमान में पतंगबाजी का दौर प्रचलन में होने से बाजार में चाइनीज मांझा का उपयोग किया जा रहा है। चाईना डोर का मटेरियल खतरनाक होने के साथ-साथ अत्यधिक तेज भी होती है। इस मांझे के उपयोग से छोटे-छोटे बच्चों सहित आम नागरिक, राहगीरों, पशु-पक्षियों के कटने तथा चोट पहुंचाने की घटनाएं आए दिन सामने आती है। (Breaking News)
उक्त घटनाओं को रोकने हेतु दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए चाईनीज मांझे की बिक्री एवं उपयोग पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है। (Breaking News)
जन सामान्य एवं पक्षियों को हानि (Breaking News)
पतंगबाजी में उपयोग होने वाले चाईनीज मांझे से जनसामान्य एवं पक्षियों को हानि पहुंचती है। चाईनीज मांझे से पतंग उड़ाते समय पक्षी इसमें फंसकर घायल हो जाते है। कई बार पक्षियों की मृत्यु तक हो जाती है। इस धागे से पतंगबाजी के दौरान रोड पर चलने वाले राहगीर भी घायल हो जाते है। चाइनीज धागे का उपयोग पतंगबाजी में किये जाने से पशु-पक्षियों व जन सामान्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। (Breaking News)
विद्युत उपकरण होते हैं फेलियर (Breaking News)
विद्युत विभाग की उच्च दाब लाईनों एवं उपकेन्द्रों पर स्थापित अति महत्वपूर्ण उपकरणों में चाईनीज मांझे के कारण समय-समय पर विद्युत व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न होता है, जिससे उपकरण फेलियर भी होता है। चायनीज धागे (मांझे) का पतंगबाजी में उपयोग की गतिविधियों पर रोकथाम की दृष्टि से इसके उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है। (Breaking News)
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