भीमपुर बीएमओ डॉ. ब्रजेश यादव ने भीमपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सर्पदंश के इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने और सर्प दंश पीड़ित महिला को इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने के आरोप से साफ इंकार किया है। उन्होंने बताया कि ना केवल अस्पताल में पर्याप्त इंजेक्शन उपलब्ध हैं बल्कि महिला को भी 14 इंजेक्शन लगाए गए थे। महिला की मौत इसलिए हुई कि उसे अस्पताल लाने में परिजनों ने थोड़ी देरी कर दी थी।
उल्लेखनीय है कि ग्राम नांदा की निवासी सुल्लो बाई पत्नी सालकराम पांसे (56) को सांप ने कांट लिया था। उसके पति का आरोप था कि भीमपुर अस्पताल में इंजेक्शन नहीं मिलने के कारण उसकी पत्नी की मौत हो गई। इधर इस संबंध में बीएमओ डॉ. यादव ने ‘बैतूल अपडेट’ को बताया कि इंजेक्शन उपलब्ध ना होने या उक्त महिला को इंजेक्शन नहीं लगाए जाने की बात पूरी तरह गलत है।
उन्होंने बताया कि महिला को अस्पताल लाने पर उसकी जान बचाने के लिए 14 बॉयल ASV (सर्पदंश के इंजेक्शन) का इस्तेमाल किया गया था। महिला की जान इसलिए नहीं बच पाई क्योंकि उसे जिस सर्प ने डंसा था वह 6-7 फीट लंबाई का पूरी तरह वयस्क कोबरा (bispecticled Cobra) था। इसके बावजूद जान बचाई जा सकती थी, लेकिन परिजन महिला को लेकर अस्पताल पहुंचने में 40 से 45 मिनट लेट हो गए।
यह घटना सुबह 6 बजे के लगभग हुई और पेशेंट हमारे हॉस्पिटल 7.15 पर आए थे। पेशेंट के साथ वालों का कहना था कि जब महिला ने बताया तब परिवार के सभी लोगों को सूचना दी। उन्होंने पहले 108 पर फोन किया पर 108 को समय लग रहा था। इसलिए एक प्राइवेट वाहन की व्यवस्था कर के आये थे। आते ही मरीज का इलाज शुरू किया गया। अस्पताल आने में देरी होने के चलते ही पूरे प्रयास करने के बावजूद जान नहीं बचाई जा सकी।
उन्होंने आम लोगों से यह अपील भी की कि इसी घटनाएं होने पर बिना कोई देरी किए मरीज को सीधे अस्पताल लेकर पहुंचे ताकि मरीज की जान बच सके। डॉ. यादव ने बताया कि जब भी किसी सर्प दंश के मामले में ASV लगाया जाता है तो हर वायल की एंट्री की जाती है। इसलिए पेशेंट की फाइल में बैच नंबर भी डाल जाता है। ASV की टेस्टिंग भी की जाती है। यह सभी प्रक्रियाएं इस प्रकरण में भी की गई है। उन्होंने बताया कि अभी भी अस्पताल में 100 इंजेक्शन उपलब्ध हैं।