▪️ निखिल सोनी, आठनेर
एकीकृत बाल विकास परियोजना आठनेर के परियोजना अधिकारी का पद 9 माह से खाली पड़ा है। कामचलाऊ व्यवस्था के तहत आमला के परियोजना अधिकारी को यहां का अतिरिक्त प्रभार दिया है। लेकिन, वे महीने में एकाध बार ही यहां पहुंच पाते हैं। इससे विभाग के कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। नगरवासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आठनेर में एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी पद पर पहले नेहा यादव पदस्थ थीं। करीब 9 माह पहले उनका स्थानांतरण अन्यंत्र हो चुका है। उनके स्थानांतरण के बाद से शासन द्वारा यहां किसी अन्य अधिकारी को पदस्थ नहीं किया गया है। ऐसे में काम चलाऊ व्यवस्था के तहत विभाग द्वारा आमला के परियोजना अधिकारी चंद्रकुमार बडेकर को यहां का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है।
उन्हें अपनी मूल परियोजना का भी कार्य देखना होता है। ऐसे में वे महीने में एकाध बार ही आठनेर आ पाते हैं। अधिकांश कार्य ऐसे होते हैं जो कि परियोजना अधिकारी के हस्ताक्षर के बगैर हो ही नहीं पाते हैं। ऐसे में सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आम लोग भी विभाग से संबंधित कार्य के लिए दफ्तर पहुंचते हैं, लेकिन बैरंग लौटने को मजबूर हो जाते हैं।
इसी तरह से विभागीय कार्यों के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक भी आए दिन कार्यालय आते हैं। अधिकारी के नहीं होने से उन्हें बिना कार्य कराए ही वापस लौटने को मजबूर होना पड़ता है। इन्हीं परेशानियों को देखते हुए नगरवासियों ने यहां जल्द स्थाई अधिकारी को पदस्थ किए जाने की मांग की है, ताकि उन्हें परेशानियों का सामना न करना पड़े।