Betul Teachers Suspend: बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस पर पूरा फोकस स्कूलों की व्यवस्था को सुधारने पर है। उन्होंने शिक्षकों के स्कूलों में ही नहीं पहुंचने की स्थिति को सुधारने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दे रखे हैं। पूर्व में गैरहाजिर मिले कई शिक्षकों को निलंबित भी किया गया है। इन सबके बावजूद विभागीय अधिकारियों द्वारा न तो व्यवस्था में सुधार के लिए कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं और न ही शिक्षकों का रवैया ही बदल रहा है। नतीजतन, स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली है।
- Also Read: Sarkari Naukri 2023: 12वीं पास के लिए सरकारी जॉब का सुनहरा मौका! 4500 पदों पर हो रही भर्ती
अभी भी जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जब स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है तो शिक्षक अनुपस्थित मिल ही रहे हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिलाष मिश्रा द्वारा मंगलवार किए गए औचक निरीक्षण में भी यही स्थिति देखने को मिली। सीईओ श्री मिश्रा ने मंगलवार को विकासखंड भीमपुर के स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान दो शिक्षक अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित पाए गए। इस पर उन्हें निलंबित करने एवं एक शिक्षक की अनुपस्थिति अवधि का वेतन काटे जाने के आदेश दिए गए हैं।
सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य शिल्पा जैन से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार को सीईओ जिला पंचायत श्री मिश्रा द्वारा विकासखंड भीमपुर की माध्यमिक शाला चूनालोहमा का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान सहायक शिक्षक देवीदास खातरकर एवं प्राथमिक शिक्षक लक्ष्मण गाड़गे अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित पाए गए।
सीईओ श्री मिश्रा ने उक्त दोनों शिक्षकों को मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। निलंबन अवधि में उक्त शिक्षकों का मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय भीमपुर निर्धारित किया गया है।
- Also Read: Today Viral Videos: 400 फीट ऊंचे उफनते झरने पर महिला ने दिखाए ऐसे करतब, सांसे अटका देगा यह वीडियो
इसी संस्था में पदस्थ नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक (सामाजिक विज्ञान) संतोष कास्देकर कर्त्तव्य से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित पाये गय। सीईओ श्री मिश्रा द्वारा उक्त शिक्षक की अनुपस्थिति अवधि का वेतन काटे जाने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि इससे पूर्व भी कई शिक्षक निलंबित किए गए जा चुके हैं। इसके बावजूद स्कूलों की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है।