⇓ विनोद पातरिया, घोड़ाडोंगरी
Betul Samachar : बैतूल जिले की चोपना पुलिस ने चोपना थाना क्षेत्र में हुए दोहरे हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। हत्या की वजह जादू-टोना के संदेह को बताया जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने 2 नाबालिगों समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि 13 सितंबर 2024 को थाना चोपना में सूचना प्राप्त हुई कि पुत्तीढाना के पास जंगल में दो व्यक्तियों के शव पड़े हैं। सूचना पर निरीक्षक सरविंद्र धुर्वे, एएसआई राजेश कलम, प्रधान आरक्षक ज्ञानसिंह टेकाम, आरक्षक आशुतोष, नितेश, कमलेश उईके के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।
मौके पर धन्नू धुर्वे पिता स्वर्गीय मकड़न धुर्वे, उम्र 65 वर्ष, निवासी पुत्तीढाना और विस्सू परते पिता सम्मू परते, उम्र 55 वर्ष, निवासी बजरंग कॉलोनी, गौशाला के पास, घोड़ाडोंगरी मृत अवस्था में पाए गए।
एडीशनल एसपी भी पहुंचीं मौके पर
घटना की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती कमला जोशी, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस रोशन जैन, प्रभारी सीन ऑफ क्राइम/एफएसएल बैतूल निरीक्षक आबिद अंसारी द्वारा घटनास्थल का सूक्ष्म निरीक्षण किया गया। फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कराई जाकर वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की गई।
मौके पर यह पाई गई थी स्थिति
घटनास्थल के सूक्ष्म निरीक्षण के बाद पाया गया कि दोनों मृतकों को किसी अज्ञात व्यक्ति ने धारदार और भारी हथियार से सिर और शरीर पर हमला कर हत्या की है। घटनास्थल पर मृतकों के सिर के पास भारी मात्रा में खून पड़ा था। धन्नू की झोपड़ी में कपड़ों और जमीन पर खून के धब्बे मिले।
दो से तीन दिन पुराने थे शव
धन्नू का शव झोपड़ी से 14 फीट की दूरी पर पांव पैदल रास्ते पर पाया गया। विस्सू परते का शव धन्नू से 135 फीट की दूरी पर उसी रास्ते पर मिला। शवों से बदबू आ रही थी। दोनों शव करीब 2 से 3 दिन पुराने प्रतीत हो रहे थे।
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हत्या का मामला किया गया दर्ज
प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत होने से मर्ग क्रमांक 29/24 एवं 30/24 धारा 194 बीएनएस का पंजीबद्ध कर जांच उपरांत हत्या की देहाती नालसी लेख कर कार्यवाही की गई। बाद में असल अपराध क्रमांक 276/2024 धारा 103 (1) बीएनएस के तहत अज्ञात आरोपी के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवचेना में लिया गया।
विशेष टीम का किया गया गठन
पुलिस अधीक्षक बैतूल निश्चल झारिया और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमला जोशी के निर्देशन में अज्ञात आरोपियों की खोज के लिए विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण कर आसपास के लोगों और ग्रामीणों से जानकारी एकत्र की।
जांच में सामने आई यह जानकारी
जांच में यह जानकारी सामने आई कि मृतक धन्नू धुर्वे के साथ ग्राम के लिप्पू की जादू-टोने के कारण रंजिश थी। तीन साल पहले एक नाबालिग लड़की की मां की मृत्यु के लिए भी धन्नू को दोषी ठहराया जाता था।
कुल्हाड़ी और पाइप से की गई हत्या
इसी रंजिश के कारण 11 सितंबर 2024 की रात को जब धन्नू और उसका साला विस्सू जंगल की झोपड़ी में सो रहे थे, तो कुल्हाड़ी और लोहे के पाइप से हमला कर दोनों की हत्या कर दी। हत्या के बाद हथियार और कपड़े घर के पास छिपा दिए।
पूछताछ में कबूल किया आरोपियों ने जुर्म
पूछताछ में आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। इसके आधार पर लिप्पू के खिलाफ धारा 302/34 भादंवि में भी कार्रवाई की गई। आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
पर्दाफाश में इनकी रही सराहनीय भूमिका
इस दोहरे अंधे कत्ल का पर्दाफाश करने और आरोपियों की गिरफ्तारी में निरीक्षक सरविंद्र धुर्वे, निरीक्षक आबिद अंसारी, एएसआई राजेश कलम, विनोद इवने, प्रधान आरक्षक ज्ञानसिंह टेकाम, बसंत मर्सकोले, आरक्षक आशुतोष, नितेश बारस्कर और कमलेश उईके की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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