Betul News : मध्यप्रदेश के बैतूल शहर में क्षेत्र में ही स्वास्थ्य सुविधा मिल जाए, इसलिए शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों में पदस्थ स्टाफ द्वारा कितनी गंभीरता से ड्यूटी की जाती है, इसके चर्चे तो वैसे पहले भी होते आए हैं। हालांकि आज जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. सुरेश बौद्ध ने औचक निरीक्षण (Surprise inspection) किया तो स्टाफ की कार्यप्रणाली की पूरी हकीकत सामने आ गई।
सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध ने मंगलवार को जिला अस्पताल एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया। उन्होंने जिला अस्पताल में पीआईसीयू (नवजात गहन चिकित्सा इकाई), डायलिसिस कक्ष, नेत्र वार्ड, आईसीयू, पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी कक्ष का अवलोकन किया एवं चिकित्सकों को आवश्यक निर्देश दिये।
उन्होंने एनीमिया मुक्त युवा अभियान के अंतर्गत 18 वर्ष तक के बच्चों के विकासखंडों से प्राप्त हो रहे प्रतिदिन के सैम्पल्स की जानकारी ली, परिणामों का निरीक्षण किया तथा सैम्पल्स के संबंध में आगामी कार्ययोजना तैयार कर सैम्पल्स की जांच तत्काल किये जाने के भी निर्देश दिये। आईसीयू में मरीजों से चर्चा की एवं निरीक्षण किया। डायलिसिस कक्ष में स्टाफ से चर्चा कर दिये जा रहे उपचार के संबंध में जानकारी ली। टीकाकरण कक्ष में एएनएम एवं हितग्राही बच्चों के माता पिता से चर्चा की।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण कर कर्मचारियों की संख्या एवं स्थिति की जानकारी ली। दवाइयों की उपलब्धता एवं आपूर्ति का अवलोकन किया। कार्यालय में रिकॉर्ड संधारण देखा। मरीजों के पंजीयन एवं उपचार का अवलोकन किया। इस दौरान शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में श्रुति एस. मोहन नर्सिंग ऑफिसर, अफरोज खान फार्मासिस्ट, मीना शेषकर एएनएम, कंचन उबनारे एएनएम और रोशनी मालवीय एएनएम ड्यूटी से गैरहाजिर मिले। इन्हें कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये जाने के निर्देश दिये गए हैं।
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कायाकल्प टीमों ने किया अस्पताल का मूल्यांकन
इससे पूर्व कायाकल्प मापदण्ड अनुरूप वर्ष 2022-23 में जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं का फाइनल मूल्यांकन भारत सरकार से प्राप्त गाइड लाइन अनुसार किये जाने हेतु निर्धारित टीम द्वारा स्वास्थ्य संस्थाओं का मूल्यांकन किया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को कायाकल्प टीम द्वारा जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया।
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इन सुविधाओं का किया टीम ने मुआयना
इस टीम द्वारा रिकॉर्ड संधारण, स्टाफ से चर्चा, कार्य स्थल व्यवस्था, मरीजों से चर्चा, चिकित्सालयीन स्वच्छता एवं वेस्ट मेनेजमेंट, भौतिक संसाधन, अस्पताल बाउण्ड्री वाल, गार्डन, बोर्ड एवं साइनेज, विभिन्न विभाग, रेम्प, सीढ़ी, लिफ्ट सुविधाएं, बायो मेडिकल वेस्ट, हाउस कीपिंग, प्रशिक्षण, आउटसोर्स सर्विस, संक्रमण नियंत्रण, हेण्ड वॉशिंग सहित अन्य विषयों का मूल्यांकन किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेश बौद्ध द्वारा कायाकल्प टीम से औपचारिक भेंट कर आवश्यक जानकारियां ली गईं।
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घोड़ाडोंगरी अस्पताल भी पहुंची एक टीम
जिला चिकित्सालय में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीहोर डॉ. सुधीर डेहरिया, डीपीएम भोपाल श्रीमती अनिता दुगाया द्वारा कायाकल्प निरीक्षण किया गया। मंगलवार को ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घोड़ाडोंगरी में एनएचएम भोपाल डॉ. सविता शर्मा एवं जिला चिकित्सालय नर्मदापुरम डॉ. मिलन सोनी द्वारा अवलोकन किया गया। कायाकल्प निरीक्षण में सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा, डीपीएम डॉ. विनोद शाक्य सहित अन्य चिकित्सालयीन स्टाफ मौजूद रहा।
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