Betul Samachar (बैतूल)। एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने क्रमिक भूख हड़ताल के आठवें दिन अनूठा प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय स्वाथ्य मिशन के संविदा कर्मचारी पंकज डोंगरे, बीआर पवार, राजेश यादव, गनपत झोड़, योगेश सूर्यवंशी, प्रहलाद बांसे, उर्मिला पाल, पूनम आहके ने छोटे बच्चों के साथ मच्छरदानी के अंदर बैठकर और अन्य हड़ताली कर्मचारियों ने मुंह पर मास्क लगाकर मांगों का ध्यानाकर्षण करवाया। मच्छरदानी और मास्क लगाकर प्रदर्शन किए जाने को लेकर संविदा कर्मचारियों ने बताया कि हमारे द्वारा सभी स्वास्थ्य सूचकांक को उपलब्धि और पूर्णता दी जाती रहती है।
हाल ही में अनमोल एंट्री, बच्चों की स्क्रीनिंग, टीकाकरण, एनसीडी सहित आभा आईडी में उपलब्धि दी गयी। इसी वर्ष टीबी कार्यक्रम को सिल्वर मेडल श्रेणी दी गयी है। मलेरिया की बात करे तो पूरे प्रदेश में मलेरिया की स्थिति को संविदा कर्मचारियों के योगदान से नियंत्रण किया गया। पहले प्रदेश मलेरिया के लिये कुख्यात माना जाता था अब मलेरिया नियंत्रण में प्रख्यात है।
- Also Read : IAS Success Story : हिंदी मीडियम से पढ़ाई करके बनीं आईएएस अफसर सुरभि गौतम, जानिए संघर्ष से सफलता तक का सफर
दो वर्ष पूर्व आज के दिन जिले में कोविड से सर्वाधिक 36 मौत हुई थी, जो एक दुःखद घटना है जिसके लिए संविदा कर्मियों ने मास्क लगाकर और 2 मिनट का मौन धारण कर श्रद्धाजंलि दी। कोविड से आक्रोशित संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कहा कि शासन सिर्फ काम लेना चाहता है, काम करने वालों की सुध नहीं ले रहा। यहां तक कि केबिनेट से स्वीकृत 5 जून 2018 की संविदा हितैषी नीति के लाभ से भी वंचित रखा है। साथ ही पूर्व में लगभग 700 संविदा मलेरिया एमपीडब्ल्यू को सेवा से पृथक कर दिया।
जिस प्रकार संविदा कर्मचारियों ने कोविड काल में आमजन को सुरक्षित रखते हुए शासन प्रशासन को पूर्ण सहयोग दिया। अब हम स्वयं को सुरक्षित रखने की दिशा में पुनः स्ट्राइक कर रहे, जिस प्रकार मच्छरदानी में रहकर मलेरिया बचाव के लिए राम बाण है, उसी प्रकार आंदोलन ही संविदा ब्रह्मास्त्र है। ये आंदोलन लिखित में मांगें पूरी होने तक निरन्तर जारी रहेगा। (Betul Samachar)