
▪️ मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़
Betul News: जिले के आदिवासी बहुल गांवों में शिक्षण व्यवस्था किस तरह बदहाल है इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण विकासखंड भैंसदेही का केरपानी संकुल में देखा जा सकता है। यहां पदस्थ प्राचार्य को अन्य ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी का जिम्मा सौंप दिया गया है। इससे स्कूल के साथ ही पूरे संकुल की व्यवस्था चरमरा गई है।
केरपानी में संकुल केंद्र रहने के बावजूद प्राचार्य का पद रिक्त है। बताया जाता है कि संकुल प्राचार्य को भीमपुर ब्लॉक का बीईओ बनाया गया है। जबकि वे भैंसदेही विकासखंड के संकुल प्राचार्य हैं।
ग्राम केरपानी के ग्रामीण बताते हैं कि संकुल प्राचार्य का पद बड़ी जिम्मेदारी का पद है। इसके बावजूद उन्हें दूसरे ब्लॉक का बीईओ बनाकर अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इस वजह से इस संकुल के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में संकुल प्राचार्य का कोई नियंत्रण नहीं है।
इससे पूर्व भी ग्रामीणों ने कलेक्टर बैतूल को शिकायती पत्र में स्कूल स्टाफ के समय पर नहीं पहुंचने की शिकायत की थी। इसके बावजूद कोई सुधार नहीं हो पाया है। इधर यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि केरपानी संकुल विकासखंड भैंसदेही का संकुल है फिर दूसरे ब्लॉक में संकुल प्राचार्य को अतिरिक्त प्रभार आखिर क्यों दिया गया?
विभाग की इस अनदेखी से संकुल केरपानी के स्कूलों पर किसी जिम्मेदार अधिकारी का नियंत्रण नहीं है। ग्रामीणों का कहना है यहाँ प्राचार्य किसी दूसरे शिक्षक को बनाया जाएं जिससे छात्र-छात्राओं के भविष्य को संवारा जा सके।
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