▪️ मनोहर अग्रवाल, खेडी सांवलीगढ़
Betul News: बरसात लगते ही स्टेट हाइवे 43 खेडी-परतवाड़ा मार्ग पर काशी तालाब के किनारे सड़क की किनारी दरकने लगी है। जो दिन प्रतिदिन भयावह रूप ले रही है। लेकिन जिम्मेदार यहां पर सिर्फ मिट्टी डाल कर खानापूर्ति कर चले जाते है और बरसात में यह बड़ी खाई बन जाती है, जो वाहन चालकों के लिए बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण दे रही है। महज बोरियों में मिट्टी भरकर रखने से दुर्घटना रोकी नहीं जा सकती।
यहाँ पिछले वर्ष दुर्घटना भी हुई उससे कोई सबक नहीं लिया गया। बताया जाता है कि ज्यादा तालाब भरने पर तालाब का पानी भी यही से निकलता है। उसकी वजह तालाब में बड़ी मेढ़ बंधान किया जाना। बताया जा रहा है जो कि तालाब के पानी का दबाव सड़क की ओर हर वर्ष बनता है और बड़ी खाई बन जाती है। तालाब को खेत बनाने वाला ठेकेदार अपना भला कर रहा है। तालाब में बंदी बनाकर लेकिन इस वजह से कोई बड़ी दुर्घटना हो जाएगी।
यह तालाब जिसे मछली पालन के लिए दिया है। वह जेसीबी मशीन से तालाब के पानी का रुख ही बदल दे रहा। यह तालाब की मेढ़ को अगर तोड़ा जाता है तो पानी सीधे पुलिया से निकल जाएगा, लेकिन मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण स्टेट हाइवे के अफसर इस ओर ध्यान नही दे रहे। यह मार्ग अगर जाम लगा तो महीनों सुधर नही पाएगा। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर बैतूल से उचित कार्यवाही की मांग की है।