Betul news: राहगीरों की जान लेने लगी जर्जर सड़क, विभाग दौड़ रहा है कागजी घोड़े, रोड के लिए परेशान ग्रामीण

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Betul news: राहगीरों की जान लेने लगी जर्जर सड़क, विभाग दौड़ रहा है कागजी घोड़े, रोड के लिए परेशान ग्रामीण

विजय प्रजापति, आठनेर

Betul news: प्रदेश की सड़कों की तुलना अमेरिका की सड़कों से की जाती है, जबकि ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्र की बदहाल सड़कों को देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि हालात कितने खराब हैं। बाबजाई से धायवानी तक करीब 5 किमी की सड़क इसका बड़ा उदाहरण है। यहां मार्ग काफी जर्जर हो चुका है। इसके निर्माण के लिए कई बार आवेदन दिए और धरना प्रदर्शन भी हुए, लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते आज भी लोगों को इसी जर्जर मार्ग से जान को जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ रहा है। अब तो इस जर्जर मार्ग से परेशान ग्रामीणों की जान पर बन आई है।

Betul news: राहगीरों की जान लेने लगी जर्जर सड़क, विभाग दौड़ रहा है कागजी घोड़े, रोड के लिए परेशान ग्रामीण

बाबजाई से धायवानी तक जाने वाली सड़क पर इन दिनों वाहन दौड़ नहीं रहे बल्कि रेंग रहे हैं। एक ओर इस पूरी सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। सड़क पर कीचड़ और नुकीले पत्थरों की परत बिछी हुई हैं। जब यहां से होकर वाहन गुजरते हैं, तो कीड़े मकोड़ों की तरह रेंगते दिखते हैं। छोटे वाहन दो पहिया, ऑटो सहित राहगीरों का कीचड़ की वजह से चलना मुश्किल हो गया है।

बाबजाई से धायवानी तक नई सड़क निर्माण की मांग को लेकर पिछले कई वर्षों से ग्रामीणों द्वारा आंदोलन किए जाते रहे हैं। यही नहीं हर बार चुनावों में यह सड़क भी एक बड़ा मुद्दा रहती है। चुनावों के बाद जनप्रतिनिधि दूसरे वादों की तरह इस सड़क निर्माण की बात को भी भुला देते हैं। ऐसे में वोट देने वाली आम जनता हर बार छली जाती है। इस बार इन गांवों के निवासियों ने यह मन बना लिया है कि जब तक उनके गांव में पक्की सड़क नहीं बन जाती है, तब तक वे मतदान ही नहीं करेंगे। जो सड़क बनवाएगा वोट भी वही पाएगा।

मरीजों की जान जोखिम में

जहां आमजन इस सड़क से आने-जाने में कतराने लगे हैं वहीं प्रसव पीड़ा के समय या फिर किसी घटना-दुर्घटना में इस मार्ग से होकर अस्पताल तक जाना किसी बड़े जोखिम से कम नहीं होता है। बाबजाई से धायवानी तक पड़ने वाले गांवों के लोग जरूरत पड़ने पर जब 100 डॉयल, 108 एंबुलेंस को कॉल करते हैं तो जर्जर सड़क के कारण इन वाहनों को जरूरतमंदों तक पहुंचने में काफी समय लग जाता है जिससे लोगों को इनकी मदद समय में नहीं मिल पाती है।

आवेदन और धरने का असर नहीं

ग्रामीणों का कहना था कि उन्होंने इस सड़क निर्माण के लिए कई बार संबंधित अधिकारियों को आवेदन-निवेदन किया। यहां तक कई बार धरना प्रदर्शन भी हुए, लेकिन संबंधित विभाग की उदासीनता ही कही जाए सड़क के लिए किए गए ये तमाम प्रयास कोई काम के साबित नहीं हो सके। आज तक सड़क नहीं बन पाई है। अब सभी ग्रामवासियों ने ठान लिया है कि आने वाले चुनाव में किसी को वोट नहीं करेंगे।

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