Betul News: मध्यप्रदेश के बैतूल शहर के आसपास बाघ (tiger) के साथ ही तेंदुए (leopard) के मूवमेंट के भी प्रमाण मिले हैं। बाघ की मौजूदगी के प्रमाण मिलने पर विभाग द्वारा उड़दन और उसके आसपास के जंगलों में लगातार सर्चिंग की जा रही है। इस सर्चिंग में बाघ के साथ ही तेंदुए की मौजूदगी के संकेत भी मिले हैं। तेंदुए के पगमार्क उड़दन के जंगलों में पाए गए हैं। अब इन पगमार्क की जगहों पर भी पड़ताल की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि विगत एक सप्ताह से उड़दन और जामठी क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी है। इसकी स्थिति की पुष्टि करने वन विभाग ने कैमरे लगाए हैं और पगमार्क की जांच भी की जा रही है। इन पगमार्क की जांच में उड़दन के जंगलों में जमीन पर तेंदुए के पगमार्क भी मिले हैं।
इन स्पष्ट पगमार्क के मिलने से तेंदुए की मौजूदगी यहां होने की बात सामने आई है। ये पगमार्क भी ताजा हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने भी उड़दन के जंगलों में तेंदुए के पगमार्क कुछ जगह मिलने की पुष्टि की है।
इससे पहले उड़दन बीट के जामठी के जंगल में एक नाइट विजन कैमरे में नर बाघ कैद हुआ है। बताया जाता है कि यह बिना रेडियो कॉलर वाला है। साथ ही उड़दन बीट में पेड़ पर बाघ के पंजों के निशान भी मिले हैं। अक्सर बाघ पेड़ों पर पंजे से मैं खरोंच कर निशान बनाते हैं, इसी तरह के निशान यहां काफी ज्यादा है संख्या में मिले हैं।
उड़दन बीट के जामठी के जंगलों और धाराखोह जंगल क्षेत्र में रेलवे लाइन के किनारे पर लगातार बाघ का मूवमेंट है। इसके पगमार्क लगातार उड़दन बीट और धाराखोह के जंगलों में लगातार मिल रहे थे।
बाघ की वास्तविक लोकेशन का पता लगाने और उसकी स्थिति जानने के लिए वन विभाग ने नाइट विजन और मूवमेंट होने पर फोटोग्राफ खींचने वाले मूवमेंट सेंसिटिव कैमरे लगाए। इन कैमरों के मैमोरी कार्ड निकालकर इनमें कैद हुए फोटोग्राफ रोजाना चेक हो रहे हैं।
इनमें से उड़दन बीट के जामठी के जंगल में लगाए एक कैमरे में तीन-चार साल का नर बाघ दिखाई दे रहा है। पेड़ों पर बाघों के पंजों की खरोंचों के निशान और विष्ठा भी मिली है। इनकी पड़ताल में पता चला कि पंजों के निशान बाघ के हैं।