Betul News: (बैतूल)। यह कठिन चुनौतियों का समय है। ऐसे समय में मां, बहन, बेटियों को ना सिर्फ संस्कृति से जोड़े रखना है बल्कि उन्हें सशक्त बनाना बहुत आवश्यक है अन्यथा सनातन धर्मी भारत में ही अल्पसंख्यक हो जाएंगे।
यह कहना है वृंदावन से आए जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नवल गिरी जी महाराज का। गौरतलब है कि नवलगिरी जी महाराज इन दिनों मध्य प्रदेश के धार्मिक दौरे पर हैं। हर जिले में घूम-घूम कर वे लोगों में सनातन एकता, संस्कृति एवं महिला सशक्तिकरण की अलख जगा रहे हैं।
इसी तारतम्य में बैतूल जिले में आए और आज मंगलवार को गोकुलधाम सोसाइटी, कालापाठा में उनका संक्षिप्त सत्संग प्रवचन हुआ। यहां बबलू खुराना और उनके परिवार ने महामंडलेश्वर की अगवानी की और पैर पखार कर आरती-पूजन किया। इस दौरान राजन पुरी, सुनील द्विवेदी, दीपक खुराना, बीके दुबे नारायण पवार, रामदास पारदे समेत काफी लोग उपस्थित थे।
इन सभी के बीच में महाराज जी ने अपने प्रवचन में कहा कि हम सभी को अपनी बेटियों को लव जिहाद से बचाने के लिए उन्हें संस्कृति की शिक्षा देना है। हमारे धर्म में जो चीजें बताई गई हैं वह हमें अगली पीढ़ी तक पहुंचाना है। इसके साथ ही बेटियों को शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाने की आवश्यकता भी है।
महाराजश्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति परिवार विधि से चलती है। भारत में वृद्ध आश्रम का होना एक कलंक है। हम सभी को अपने बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए चाहे वह सास-ससुर हो, चाहे माता-पिता हों। इन सभी की सेवा करने से जो पुण्य हमें मिलता है वह हमारे भविष्य की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करता है। बुजुर्गों को भी दिन-प्रतिदिन की टोका-टाकी से बचकर एक समन्वय बनाकर घर में रहना चाहिए।
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महाराजश्री ने सभी को यह शपथ दिलाई कि वह अपने घर में बुजुर्गों का मान सम्मान करेंगे और उनकी सेवा करेंगे। साथ ही बेटियों को सशक्त बनाएंगे। महाराज श्री ने सभी को वृंदावन आने का आमंत्रण भी दिया और जुलाई माह में धार्मिक सत्संग बैतूल में बड़े स्तर पर करेंगे। अंत में बबलू खुराना ने महामण्डलेश्वर महाराजश्री समेत सभी सत्संगियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सत्संग से सभी को लाभ हुआ है और भविष्य में एक बड़ा कार्यक्रम सत्संग का आयोजित करने का प्रयास करेंगे।