Betul News: पहली ही बारिश में उखड़ा पुलिया का फ्लोर, गुणवत्ता पर सवाल, भ्रष्टाचार के लग रहे आरोप

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Betul News: बैतूल जिले के आमला विकास खंड की ग्राम पंचायत परसोड़ा में मनरेगा मद से 12 लाख 65 हजार से निर्मित पुलिया का पहली ही बारिश में फ्लोर उखड़ गया। पुलिया में बड़ा सा गड्ढा हो गया है। इससे एक ओर जहां पुलिया की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं वहीं भ्रष्टाचार के आरोप भी लग रहे हैं।

ब्लॉक की ग्राम पंचायत परसोड़ा में पंचायत द्वारा 12 लाख 65 हजार की राशि से मनरेगा मद से पुलिया स्वीकृत हुई थी। जिसका निर्माण कार्य लगभग 1 माह पूर्व पूर्ण किया गया था। निर्माण के शुरुआत से ही निर्माण कार्य में गुणवत्ता हीन मटेरियल को लेकर यह पुलिया विवाद में घिरी थी। विवाद के चलते निर्माण कार्य रुकवा भी दिया था और गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए निर्माण कार्य किए जाने का कहा था।

बावजूद इसके निर्माण कार्य में गुणवत्ता हीन सामग्री का उपयोग कर पुलिया का निर्माण किया गया। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ेगा। ग्राम परसोड़ा से पोही मार्ग पर स्थित मोक्षधाम के पास बनी पुलिया में दरारें आ गई हैं। ग्रामीण लखन, धनराज, मेघराज ने बताया कि पंचायत द्वारा निर्माण कार्य न करा कर निर्माण कार्य का ठेका क्षेत्र के एक जनप्रतिनिधि को दे दिया था।

जनप्रतिनिधि द्वारा भी गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए मामूली कामगार को पुलिया निर्माण कार्य में लगा दिया गया, जिसे एस्टीमेट का भी ज्ञान नहीं। मिस्त्री द्वारा घटिया रेत का उपयोग कर मानक के आधार पर सीमेंट, रेत, गिट्टी का मसाला नहीं बनाया गया। जिस वजह से पुलिया बनते ही उखड़ गई। इस विषय में जब ग्राम पंचायत सचिव प्रकाश साहू से चर्चा करनी चाही तो उन्होंने काल रिसीव नहीं किया।

उपयंत्री की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

जनपद पंचायत के उपयंत्री राजेंद्र पटेल पर विकास खंड की ग्राम पंचायत रम्भाखेड़ी के निर्माण कार्य में ग्रामीणों के साथ ही आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार और भाजपा नेताओं को संरक्षण देकर निर्माण कार्य करवाए जाने के आरोप लगे थे।

अब परसोड़ा पंचायत में भी ग्रामीणों द्वारा उपयंत्री पटेल पर भाजपा जनप्रतिनिधि को निर्माण कार्य का ठेका देने और उनसे ही निर्माण कार्य कराए जाने का आरोप लगाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि उपयंत्री राजेंद्र पटेल द्वारा पुलिया निर्माण के समय एक बार भी पुलिया का जायजा नहीं लिया गया, न ही निर्माण कार्य में उपयोग होने वाली सामग्री का जायजा लिया गया। जिस वजह से पुलिया बनते ही उखड़ने लगी है।

अधिकारियों का यह है कहना

इस संबंध में उपयंत्री राजेंद्र पटेल का कहना है कि पुलिया का मूल्यांकन नहीं किया गया है और न ही राशि का आहरण किया गया है। वहीं जनपद सीईओ दानिश अहमद खान का कहना है कि इसकी जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।

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