▪️ राकेश अग्रवाल, मुलताई
Betul News: बैतूल जिले के मुलताई ब्लाक के सोनेगांव में आशा कार्यकर्ता 2 घंटे तक संजीवनी 108 को फोन लगाती रही, लेकिन संजीवनी 108 मौके पर नहीं पहुंची।जिसके कारण महिला की घर में ही डिलीवरी करानी पड़ी। डिलीवरी के बाद बच्चे की मौत हो गई। महिला को गंभीर हालत में मुलताई के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
घटना के बाद मृत शिशु के माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है। उनका कहना है कि यदि संजीवनी वाहन समय पर आ जाता तो बच्चे की जान बच सकती थी। इधर बीएमओ अभिनव शुक्ला का कहना है कि मामले में फिलहाल जांच की जाएगी उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
मुलताई ब्लाक के ग्राम सोनेगांव में कन्हैया चौरासे की पत्नी रितु चौरासे (23 साल) को आज सुबह प्रसव पीड़ा उठने पर तुरंत ही स्वास्थ विभाग के कार्यकर्ताओं को इसकी सूचना दी गई। सूचना पाकर गांव की आशा कार्यकर्ता घर पहुंच गई। जिसके बाद आशा कार्यकर्ता ने तुरंत ही संजीवनी 108 को फोन लगाया, लेकिन संजीवनी 108 लगभग 2 घंटे तक घण्टे तक गांव नहीं पहुंची। महिला को प्रसव पीड़ा बढ़ने के कारण घर में ही डिलीवरी करवानी पड़ी। डिलीवरी के बाद बच्चे की मौत हो गई। बाद में आनन-फानन में मृत शिशु और जननी को मुलताई के सरकारी अस्पताल लाया गया। जहां मृत शिशु उसके पिता को सौंप दिया गया है।
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कन्हैया ने बताया कि उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हो रही थी, जिसकी जानकारी दी गई थी। लेकिन, संजीवनी 108 समय पर नहीं पहुंची। यदि वाहन समय पर आ जाता तो उसकी बच्ची की जान बच सकती थी। इस पूरे मामले को लेकर बीएमओ अभिनव शुक्ला से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि सोनेगांव में होम डिलीवरी का मामला सामने आया है। जिसमें बच्चे की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि बच्चे की मौत किन कारणों से, किन स्थितियों में हुई है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्राथमिक तौर पर यह बात सामने आ रही है कि संजीवनी वाहन समय पर नहीं पहुंचा। जिसके कारण घर में डिलेवरी करवानी पड़ी है।