◼️ मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़
बैतूल विकासखंड की ग्राम पंचायत सराढ़ की आदिवासी सरपंच शासन-प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली से परेशान है। उनके द्वारा बार-बार शिकायत और मांग किए जाने के बावजूद काशी तालाब पर किया गया अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है। यहां तक कि जनसुनवाई में गुहार लगाने के बावजूद भी समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है।
सरपंच शर्मिला परते ने बताया कि उन्होंने ग्राम पंचायत के मोड़ीढाना के परतवाड़ा मार्ग पर स्थित काशी तालाब के पास शासकीय भूमि पर एक ग्रामीण के द्वारा किए गए अतिक्रमण की शिकायत एक पखवाड़े पूर्व जनसुनवाई में आवेदन पत्र देकर की थी। उन्होंने ग्रामीण के द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने की मांग की थी। इस संबंध में तहसीलदार बैतूल को भी आवेदन पत्र लिखित रूप से प्रेषित किया गया है।
इन सबके बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। मोड़ीढाना के ग्रामीण भी सरपंच से बार-बार इस अतिक्रमण को हटाने की मांग कर रहे हैं। कलेक्टर बैतूल की जनसुनवाई में शिकायत के बावजूद अभी तक अतिक्रमण नहीं हट पाया है। इन सबसे सरपंच शर्मिला परते परेशान हैं। अतिक्रमण नहीं हट पाने से वे ग्रामवासियों को जवाब नहीं दे पा रही हैं।
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उन्होंने बताया कि इस संबंध में विकास यात्रा में भी शिकायत की गई है। अब देखना है कि कार्यवाही होती है या पलास के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होती है। सरपंच का कहना है कि इस व्यक्ति का अतिक्रमण हटाने में तहसील क्यों पीछे हट रही है। पहले भी दो बार बेदखली का नोटिस दिया गया, इसके बावजूद भी यह अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है। इससे जनता का शासन-प्रशासन पर विश्वास करना मुश्किल हो रहा है।
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