▪️ राकेश अग्रवाल, मुलताई
Betul News: कोई दादी बन चुकी है, तो कोई नानी बन गई है। सबका अपना-अपना परिवार है और मुलताई से विदा हुए उन्हें 45 साल से भी ज्यादा का समय हो गया है। लेकिन, 45 साल बाद जब 35 पुरानी सहेलियां मिली तो उनका अंदाज वही स्कूल वाला था। हर कोई भारत के अलग-अलग शहरों से है, लेकिन पिछले 2 सालों से सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी स्कूली जिंदगी हर रोज ताजा करते हैं। सभी ने मिलकर मुलताई में 2 दिन का गेट-टू-गेदर रखा है।जिसमें अब सभी मस्तियां कर रही है।
आज यह सभी मुलताई के अपने पुराने स्कूल भी जाएंगी और कल वाटर पार्क जाकर अपनी स्कूली जिंदगी को याद करेंगी। सभी की उम्र 60 को पार हो चुकी है, लेकिन उम्र इन पर आज भी हावी नजर नहीं आ रही है।
मूलतः मुलताई हाल निवासी ग्वालियर की किरण वाजपेई कोरोना महामारी के दौरान अकेलापन महसूस कर रही थी। उन्होंने अपने मुलताई की सहेलियों को खोजने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। शुरुआत में एक-दो सहेलियां मिली और फिर यह कारवां बढ़ता गया। आज उनके ग्रुप में उस जमाने में पढ़ने वाली 35 छात्राएं शामिल हो गई हैं। उषा अग्रवाल ने बताया कि यह सभी सहेलियां कक्षा एक से कक्षा 10 तक साथ में पढ़ी है। सब की शादी हो जाने के बाद कोई किसी के संपर्क में नहीं था। एक दिन अचानक जाने पहचाने नाम से फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट आई, जिसके बाद बातों का सिलसिला शुरू हुआ और देखते-देखते सभी सहेलियां आपस में मिल गई है। उन्होंने बताया कि आज मुलताई की यादों को ताजा करेंगे और कल वाटर पार्क जाकर मस्ती करेंगे। 2 दिन के इस आयोजन में सभी अपने पारिवारिक रिश्तेदारों से भी एक दूसरे को मिलाएंगे। सभी एक दूसरे से मिलकर बहुत खुश हैं।
यह सहेलियां जमा हुई हैं आज मुलताई में
आज मुलताई में ग्वालियर से किरण वाजपेई, शिवपुरी से नंदा खंडेलवाल, बैतूल से कल्पना धोटे, उषा अग्रवाल, तारा सोनी, नागपुर से साधना सावरकर, अकोला से चारुलाता सांगवी, भोपाल से कल्पना, हर्षलता पवार, अहमदाबाद से स्मिता संघवी, बड़ोदरा से नीलम जैन, पुणे से शोभा सपकाल, नागपुर से रजनी भावसार, कानपुर से अनिता भार्गव, औरंगाबाद से ज्योति पटेल, रेवाड़ी हरियाणा से संगीता भार्गव, नागपुर से ज्योति श्रीवास्तव, रंजना भालेराव, साधना अवस्थी, अकोला से अनीता शर्मा, सरोज कालभोर नीता पवार, मीना पवार, कांता, त्रिशला आई हुई है।