मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़
Betul News : प्रातः स्मरणीय पुण्य सलिला सूर्यपुत्री माँ ताप्ती नदी के तट पर आज भी दिव्य अलौकिक शक्तियां और अद्भुत चमत्कारी दृश्य मौजूद है। यह अपनी प्रमाणिकता के साथ ताप्ती नदी के तट पर मौजूद है। माँ ताप्ती के उद्गम मुलताई से लगभग 250 किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के दसघाट में में भी एक ऐसी ही अलौकिक शक्ति साक्षात नजर आती है। यहां ताप्ती नदी के किनारे स्थित सिंदूरी रंग के चाँद-सूरज नामक पत्थर के चमत्कार देखकर सभी आश्चर्य में है। इस पत्थर की विशेषता ताप्ती परिक्रमा पदयात्रियों को ग्रामीणों ने अपने वर्षों के अनुभव और प्रत्यक्ष घटनाओं के अनुसार बताया कि यह चाँद सूरज नामक पत्थर को कोई भी अपने साथ ले जा नहीं सकता।
यह पत्थर दिखने में तो बड़े सुंदर दिखलाई देते हैं, लेकिन कोई भी इन्हें अपने घर नहीं ले जा सकता। इन्हें जिसने भी अपने साथ ले गए उस पूरे परिवार में दुख ही दुख झेला। इन्हें ले जाने वाले के परिजन बीमार हो जाते हैं। यह पत्थर चाँद सूरज 24 घंटे में चमत्कारी ढंग से गायब होकर उसी स्थान पर आ जाते हैं। यह ताप्ती नदी की कितनी भी बाढ़ आ जाये बहते भी नहीं। यदि यह पत्थर कोई ले भी जाता है तो यह लुढ़क कर वायु की तरह दस घाट पर ही आ जाते हैं। इन पत्थरों में अजीब सी रौनक है। इनका ओज और तेज देखते ही बनता है। ताप्ती पदयात्री लगातार 15 वर्षों से पदयात्रा में इन चाँद सूरज नामक पत्थरों के दर्शन करते हैं। कई बार इन पत्थरों का वैज्ञानिक विश्लेषण भी किया गया। वह भी इसके सामने नतमस्तक है।