Betul News: अपात्रों को मिल रहे आवास, इधर जर्जर मकान में रहने को मजबूर 3 बच्चे सहित पांच जानें

Betul News: अपात्रों को मिल रहे आवास, इधर जर्जर मकान में रहने को मजबूर 3 बच्चे सहित पांच जानें▪️ मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़

Betul News: केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा गरीबों को आवास उपलब्ध करने आवास योजना चलाई जा रही है लेकिन जमीनी हकीकत तो यह है कि आज भी कई जरूरतमंद योजना के लाभ से वंचित हैं। पात्र होने के बावजूद कई गरीब परिवार खंडहर बने मकान में जान हथेली पर रख कर रह रहे हैं। दफ्तरों के बार-बार चक्कर काटने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

ऐसा ही एक मामला विकासखंड भैंसदेही की ग्राम पंचायत केरपानी के ठेस्का गांव का सामने आया है। इस गांव की सुखवंती उइके ने बताया कि बीते सप्ताह तेज चक्रवाती हवा और बरसात से उसके मकान की दीवार ढह गई। इस घटना में मेरे तीन बच्चे और सासू बाल-बाल बच गए। मकान बहुत पुराना है अब तक उन्हें उसी खंडहर बने मकान में ही रहना पड़ रहा है। सुखवंती परिवार में कमाने वाली खुद ही है। मजदूरी करके सास और तीन बच्चों का लालन पालन करती है। सुखवती का कहना है कि उसने ग्राम पंचायत एवं पटवारी को भी अपनी दयनीय स्थिति से अवगत कराया, लेकिन उसे कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही है। इन हालातों में बस ऐसे ही जर्जर और खंडहर मकान में बच्चों के साथ रहकर गुजारा कर रही हूँ।

Betul News: अपात्रों को मिल रहे आवास, इधर जर्जर मकान में रहने को मजबूर 3 बच्चे सहित पांच जानेंमुझ गरीब की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पड़ोस के लोग ही उसकी कभी-कभी मदद कर देते हैं। अब समस्या यह है कि बरसात में वह बच्चों के साथ कहां रहेगी? इसे में या तो सरकार उसे जांच कर आवास उपलब्ध कराएं या बरसात के पूर्व उसे तिरपाल का तंबू बनाकर दें।सुखवंती का कहना है कि अगर अब तेज हवा चली तो रहा सहा मकान भी ढह जाएगा, जिसमें जान माल के नुकसान की जिम्मेवारी सरकार और पंचायत की होगी। मैं अपने बच्चों का ही भरण पोषण नहीं कर पा रही हूं। अब तो हम सभी के इस मकान में दबकर मरने की स्थिति बन गई है।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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