Betul Mandi News: मध्यप्रदेश के बैतूल में इस सीजन में पहली बार कृषि उपज मंडी बडोरा में शनिवार को मक्के की बंपर आवक हुई है। इससे देर रात तक तौल का कार्य चलता रहा। मंडी प्रबंधन किसानों को खुली उपज लाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। जिससे हर दिन ट्राली और अन्य वाहनों में उपज लाई जा रही है। खुली उपज लाने पर प्रबंधन सबसे पहले नीलामी करा रहा है और उसके बाद तौल का कार्य भी कराया जा रहा है। किसानों को इस व्यवस्था की वजह से रतजगा करने की परेशानी से निजात मिल रही है।
शनिवार को भी नौ ट्राली में किसान खुली उपज लेकर पहुंचे तो मंडी प्रबंधन ने सबसे पहले नीलामी कराई और तौल का कार्य कराया। दोपहर तक किसानों को भुगतान भी प्राप्त हो गया। मंडी में कार्य करने वाले हम्मालों ने कार्तिक पूर्णिमा और गांवों में दीपावली की वजह से सोमवार को कार्य न करने के संबंध में प्रबंधन को पत्र सौंपा है। इसके चलते रविवार, सोमवार और मंगलवार को मंडी बंद रहेगी। अब खरीदी का कार्य बुधवार से प्रारंभ होगा।
कृषि उपज मंडी में शनिवार को मक्के की 11166 क्विंटल की आवक हुई। मक्के की नीलामी न्यूनतम 1651 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर अधिकतम कीमत 2101 रुपये प्रति क्विंटल की दर से व्यापारियों के द्वारा की गई। मंडी में इस सीजन में पहली बार मक्के की बंपर आवक होने की वजह से तौल का कार्य देर रात तक किया गया। शनिवार को सोयाबीन की आवक 1122 क्विंटल रही और इसकी खरीदी न्यूनतम 4500 रुपये से लेकर अधिकतम 5500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की गई। चना की आवक मात्र 15 क्विंटल हुई और दाम न्यूनतम 3901 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर 4151 रुपये प्रति क्विंटल रहे। गेहूं की आवक 2716 क्विंटल हुई जिसकी खरीदी न्यूनतम 2414 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर अधिकतम 2701 रुपये क्विंटल की दर पर की गई। सरसो की 250 क्विंटल आवक हुई और दाम न्यूनतम 5250 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर अधिकतम 5676 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
आने वाले दिनों में और बढ़ेगी आवक, होंगे कई बदलाव
कृषि उपज मंडी में शनिवार को मक्के की बंपर आवक होने से प्रबंधन के द्वारा आने वाले दिनों में इससे भी अधिक आवक की संभावना जताई जा रही है। इसे देखते हुए मंडी में नीलामी और तौल को लेकर बड़े बदलाव करने की भी तैयारी की जा रही है। अभी मंडी के गेट पर खुली उपज लाने वाले वाहनों को मंडी के कर्मचारियों के द्वारा विधिवत अलग कतार में खड़ा कराया जा रहा है। इसके बाद सबसे पहले नीलामी का कार्य कराया जाता है। मंडी में उपज लेकर आने वालों से दस्तावेजों की मांग करने पर छोटे व्यापारियों के द्वारा विरोध जताया गया था। अब प्रबंधन के द्वारा अन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है ताकि अव्यवस्था न ही और किसान बिना किसी परेशानी के अपनी उपज बेच सकें।
खुली उपज लाने से जल्द हो रहा है काम
मंडी में प्रशासन के द्वारा खुली उपज की नीलामी करने की व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया गया है। शुरूआत में इसका जमकर विरोध किया गया। लेकिन, प्रशासन ने जब सख्ती करना प्रारंभ किया तो व्यापारियों और हम्मालों के द्वारा इसका विरोध बंद कर दिया गया है। अब किसानों को खुली उपज लाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जैसे-जैसे किसानों के द्वारा ट्राली या अन्य वाहनों में रखकर खुली उपज लाना प्रारंभ कर दिया जाएगा, वैसे-वैसे नीलामी और तौल में समय की बचत होगी। किसान दोपहर तक उपज बेचकर अपने घर वापस लौट पाएंगे। मंडी प्रांगण में उपज के ढेर लगा दिए जाने से जगह की कमी हो जाती है। वाहनों को एक कतार में खड़ा कर देने से न तो कोई अव्यवस्था होती है और न ही किसानों को उपज की सुरक्षा के लिए ही चिंता करना पड़ता है।
इनका कहना…
मंडी में किसानों को खुली उपज लाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। हर दिन ट्राली में कई किसान उपज लेकर आ रहे हैं, जिसकी सबसे पहले नीलामी और तौल कराई जा रही है। हम्मालों की मांग और शासकीय अवकाश के कारण मंडी में अब बुधवार से खरीदी का कार्य होगा।
एसके भालेकर, सचिव, कृषि उपज मंडी, बडोरा