Betul Crime News: कलयुगी पिता बेटी के साथ करता था बलात्कार, अब जिंदगी भर रहेगा जेल में, कोर्ट ने सुनाई सजा
Betul Crime News: Kalyugi father used to rape his daughter, now he will remain in jail for the rest of his life, court sentenced
Betul Crime News: (बैतूल)। अनन्य विशेष न्यायालय, (पॉक्सो एक्ट) बैतूल ने अपनी ही बेटी से बलात्कार करने के आरोपी कलयुगी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अब आरोपी को शेष प्राकृत जीवनकाल जेल में ही काटना होगा। इसके साथ ही 10,000 रुपए के जुर्माने से भी दंडित किया गया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी एस.पी.वर्मा, वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ओमप्रकाश सूर्यवंशी एवं वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती वंदना शिवहरे द्वारा की गई।
आरोपी पिता थाना कोतवाली बैतूल क्षेत्र का निवासी है। उसे धारा 376(3), 376(2)(एन), 376(2)(एफ) भादवि एवं धारा 5(एन), 5(एल)/6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास जो कि आरोपी के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए रहेगा एवं 10,000 रुपए जुर्माने से दंडित किया गया। घटना का विवरण इस प्रकार है कि पीड़िता ने आरक्षी केन्द्र कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि वह कक्षा 7वीं में पढ़ती है। 23 अप्रैल 2020 को शाम करीब 04ः00 बजे उसकी मां महुआ बीनने और भाई बकरी चराने गया था।
उस समय उसके पिता ने उसके साथ जबरदस्ती गलत काम (बलात्कार) किया था। ऐसा करते हुए उसकी मां ने देख लिया था तो उसने उसके पिता को डण्डा मारा था। उसके पिता ने 03 वर्ष पहले भी उसे डरा-धमकाकर उसके साथ जबरदस्ती गलत काम (बलात्कार) किया था। इसके बाद 25 अप्रैल 2020 को करीब सुबह 09ः00 बजे उसके पिता ने पीड़िता को घर में अकेला पाकर जबरदस्ती खींचकर पलंग पर ले गया। उसे जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ जबरदस्ती गलत काम (बलात्कार) किया था।
पिता की करतूत से तंग आकर उसने अपने मोबाईल से 100 डायल नंबर पर कॉल कर पुलिस को बुलाया था। पीड़िता की मौखिक रिपोर्ट पर थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 398/2020 पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान संकलित की गयी साक्ष्य से यह तथ्य पता लगा कि आरोपी सगा पिता होते हुए भी लगातार पिछले 03 वर्षों से अपनी सगी पुत्री पीड़िता को घर में अकेला पाकर डरा-धमकाकर जबरदस्ती उसके साथ दुष्कर्म करता था।
पुलिस द्वारा आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र अनन्य विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) बैतूल के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया। विचारण में अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया। जिसके आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी को दंडित किया गया।