
Betul Court Order : बैतूल। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश बैतूल ने पत्नी की हत्या के आरोपी पति को धारा 302 में आजीवन कारावास एवं 5,000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। आरोपी प्रेमदास वट्टी पिता डोमा वट्टी़, उम्र-45 वर्ष, निवासी-ग्राम पाट, तहसील व थाना चिचोली, जिला-बैतूल को यह सका सुनाई गई है। प्रकरण में शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी एसपी वर्मा के मार्गदर्शन में वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी वंदना शिवहरे द्वारा पैरवी की गई।
उक्त प्रकरण की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए उसे चिन्हित एवं जघन्य सनसनीखेज प्रकरणों की श्रेणी में शामिल किया गया था। जिसकी पैरवी का जिम्मा रेग्यूलर कैडर के अभियोजन अधिकारियों को दिया गया।
Betul Court Order : घटना का विवरण इस प्रकार है कि मृतिका के भाई फूलेसिंह धुर्वे ने थाना चिचोली में रिपोर्ट दर्ज करायी कि वह भीमपुर के जामुनढाना रहता है। खेती किसानी का काम करता है। 18 अक्टूबर 2021 को रात्रि करीबन 8ः30 बजे उसका भांजा नीलेश वट्टी उसके घर अपनी मां को ढूंढ़ते हुए आया। उसने बताया कि उसकी मां सुगरती सुबह करीबन 8 बजे जंगल में बैल चराने गई थी, जो घर वापस नहीं आई है।
इस पर फरियादी फूलेसिंह ने कहा कि वह यहां भी नहीं आई। यह सुनकर उसका भांजा वापस चला गया। इसके बाद 19 अक्टूबर को सुबह 11 बजे करीब फरियादी फूलेसिंह, गुलाब व मिलाप के साथ अपनी बहन के घर ग्राम पाट पहुंचे। वे नीलेश और गांव के करीबन 20 लोगों के साथ बहन सुगरती को ढूंढने जंगल गये। सुगरती का पति प्रेमदास घर पर नहीं था। नीलेश से पूछा कि तेरा पापा कहा है तो बताया कि सुबह से कहीं निकल गया है।
Betul Court Order: साटई के जंगल में उसे सुगरती की चप्पल पड़ी मिली, आसपास ढूंढने पर झाड़ियों के बीच में सुगरती मृत अवस्था मे मिली। उसका गला लाल रंग के लुगड़ा (साड़ी) से कसकर बंधा हुआ था। उसकी बायी आंख के ऊपर और जबड़े में चोट लगकर खून निकला था। सुगरती पैर मे चांदी की कड़ी पहनती थी, वह कड़ी उसके पैरों में नहीं थी। किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा सुगरती को मारपीट कर गला दबाकर हत्या की गई थी।
फरियादी की सूचना पर मर्ग कायम कर, जांच की गयी। मर्ग जांच पर से अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध दर्ज कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। मृतिका के शव का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें डाक्टर द्वारा यह अभिमत दिया गया कि मृतिका की मृत्यु का कारण स्ट्रेगुलेषन (गले पर दबाव पड़ना) के कारण एस्फेक्षिया (दम घुटने) के कारण हुई थी। मृतिका की मृत्यु हत्यात्मक प्रकृति की थी।
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आरोपी प्रेमदास को पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की गयी, जिसमें उसने अपना जुर्म स्वीकारते हुए बताया कि उसने रोज की लड़ाई-झगड़े के कारण सुगरती के गले को साड़ी से दबा दिया और पत्थर से उसका मुंह कुचल दिया। आरोपी की उक्त सूचना पर से घटना में प्रयुक्त पत्थर, मृतिका के पैर की चांदी की कड़ी व आरोपी द्वारा घटना के समय पहने हुए कपड़ों को जप्त किया गया। उक्त प्रदर्शों को रासायनिक परीक्षण हेतु एफएसएल भोपाल भेजा गया। एफएसएल रिपोर्ट का परिणाम सकारात्मक प्राप्त हुआ।
आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान आरोपी की सूचना पर जप्त उक्त प्रदर्शों को डीएनए परीक्षण हेतु भेजा गया, जिसका परिणाम सकारात्मक प्राप्त हुआ।
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न्यायालय में साक्ष्य के दौरान मृतिका के बच्चों का भी अभियोजन द्वारा परीक्षण कराया गया, जिसमें उन्होंने आरोपी पिता द्वारा उनकी मां की हत्या करने संबंधी तथ्यों की पुष्टि की थी। इस तरह अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया। जिसके आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को आजीवन कारावास एवं जुर्माने से दंडित किया गया।