Betul Chandur Bazar rail line : मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के जनप्रतिनिधियों की एक और बड़ी नाकामी सामने आई है। प्रदेश से लेकर केंद्र तक भाजपा की सरकार होने के बावजूद वे कोई नया बड़ा प्रोजेक्ट लाना तो दूर जो पहले प्रोजेक्ट पहले से उपलब्ध है या मिलने तय थे, उन्हें भी नहीं बचा पा रहे हैं। पहले आमला में स्थित रेलवे बेस किचन और लोको शेड छीना जा चुका है। अब बैतूल से चांदूर बाजार तक जो नई रेलवे लाइन बिछने वाली थी, उस प्रोजेक्ट को भी ठंडे बस्ते में डाला जा चुका है। हाल ही में नागपुर में हुई डीआरयूसीसी की बैठक में सामने मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के सदस्य दीपक सलूजा द्वारा इस संबंध में जानकारी लेने पर खुद रेलवे अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।
डीआरयूसीसी मेंबर श्री सलूजा ने बैठक में मौजूद अधिकारियों से बैतूल-चांदूरबाजार रेल लाईन का कार्य प्रगति की जानकारी ली। जिस पर अधिकारियों ने लिखित जवाब देते हुए उन्हें बताया कि 3692.93 करोड़ की लागत से इस परियोजना को तैयार किया जाना था। जिसका सर्वे करने वाली कम्पनी ने सर्वे की रिपोर्ट भी रेलवे बोर्ड को सौंप दी है।
- Also Read : Kamalnath In Betul : कमल नाथ बोले- भाजपा सरकार ने व्यापमं घोटाला, घर-घर शराब बिक्री और अपराध दिए
रेलवे बोर्ड ने सर्वे रिपोर्ट के बाद इस परियोजना को निवेश से मिलने वाले रिटर्न को वित्तीय लागत के मुताबिक व्यवहारिक (फायदे) का नहीं माना। इसलिए इस प्रोजेक्ट को रेलवे ने फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
इस तरह बैतूल से चांदूरबाजार तक रेल लाईन बिछाए जाने का जिलेवासियों का सपना अब सपना बनकर रह गया है। सालों की मशक्कत एवं करोड़ों रूपए खर्च करने के बाद भी अब यह परियोजना मूर्त रूप नहीं ले सकेगी।
दरअसल यह रेलवे लाईन बिछाने की इस क्षेत्रवासियों की मांग लम्बे समय से थी। बैतूल, आठनेर होते हुए यह रेल लाईन चांदूर बाजार तक जानी थी। वहीं मुम्बई, अमरावती के लिए भी यह सीधी रेल लाईन होती जिसका फायदा जिलेवासियों को मिलता। अभी मुम्बई के लिए नागपुर, इटारसी से ट्रेन पकड़ना पड़ती है। इस ट्रेक से मुम्बई के लिए सीधी ट्रेन उपलब्ध हो जाती। लेकिन, इस परियोजना को रेलवे द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दिए जाने से जिलेवासियों का चांदूर बाजार रेल लाईन का सपना कभी साकार नहीं हो पाएगा।
75 किलोमीटर बिछाई जानी थी यह रेलवे लाईन
बैतूल से चांदूर बाजार (महाराष्ट्र) के लिए सीधी रेलवे लाईन बिछाने के लिए वर्ष 2016 में रेल बजट में रेल लाईन के लिए सर्वे कराए जाने का निर्णय लिया गया था। सालों की मशक्कत के बाद सर्वे का काम शुरू हुआ था। करीब 11 करोड़ रूपए की राशि सर्वे के लिए खर्च की गई थी। इस 75 किलोमीटर लम्बी लाईन को बिछाने के लिए 10 करोड़ रूपए प्रति किलोमीटर का खर्च एवं पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 15 करोड़ रूपए प्रति किलोमीटर का खर्च आने की संभावना थी। इस रेलवे लाईन को बिछाने के काम में पहाड़ी क्षेत्रों में सुरंग भी बनाया जाना था। इसकी परियोजना लागत 3692.93 करोड़ थी।
वित्तीय लागत के मुताबिक फायदे का नहीं माना (Betul Chandur Bazar rail line)
इस परियोजना के ठंडे बस्ते में चले जाने की जानकारी गत दिनों नागपुर में डीआरयूसीसी की बैठक में सामने आई जिसमें मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के सदस्य दीपक सलूजा ने बैठक में मौजूद अधिकारियों से बैतूल-चांदूरबाजार रेल लाईन का कार्य प्रगति की जानकारी ली, जिस पर अधिकारियों ने लिखित जवाब देते हुए उन्हें बताया कि 3692.93 करोड़ की लागत से इस परियोजना को तैयार किया जाना था जिसका सर्वे करने वाली कम्पनी ने सर्वे की रिपोर्ट भी रेलवे बोर्ड को सौंप दी थी। रेलवे बोर्ड ने सर्वे रिपोर्ट के बाद इस परियोजना को निवेश से मिलने वाले रिटर्न को वित्तीय लागत के मुताबिक व्यवहारिक (फायदे) का नहीं माना है। इसलिए इस प्रोजेक्ट को रेलवे ने फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है।