▪️ऋषिकांत सिंह (रजत) परिहार, भोपाल
Betul Assembly Election : मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 का आगाज हो चुका है। मुख्य राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी चुनावी बेला में दो-दो हाथ करने के लिए पूरी तैयारी के साथ चुनाव मैदान में उतर गए हैं। बैतूल जिला मुख्यालय की विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस में प्रदेश नेतृत्व की निगाहें बनी हुई है। क्योंकि प्रदेश की टॉप टेन हॉट विधानसभा सीटों में बैतूल विधानसभा भी शामिल है। जहां पर भाजपा से पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल तो कांग्रेस से वर्तमान विधायक निलय विनोद डागा आमने-सामने है।
दोनों ही प्रत्याशियों के लिए इस विधानसभा चुनाव में विजय हासिल करना बेहद जरुरी है। लेकिन, जीत का ताज किसी एक प्रत्याशी के सिर पर ही सजेगा। वैसे हेमंत खंडेलवाल पर भारतीय जनता पार्टी ने पुनः विश्वास जताते हुए उनका नाम पांचवी और अंतिम सूची में फाइनल किया है। हालांकि हेमंत खंडेलवाल ने चुनाव की तैयारियाँ एक माह पहले से ही प्रारंभ कर दी थी।
प्रदेश संगठन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें “ग्रीन सिंग्नल” पहले ही दे दिया था। इसलिए बैतूल विधानसभा सीट के 297 बूथों पर उनके 10-10 कार्यकर्ता प्रतिदिन मुस्तैदी के साथ मतदाता सूची साथ लेकर घर-घर जाकर संपर्क करके केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में बताकर प्रत्याशी के लिए वोट मांग रहे हैं। इतना ही नहीं नुक्कड़ नाटक की टीम भी पूरे विधानसभा के लिए रवाना हो गई है।
दरअसल, हेमंत खंडेलवाल के लिए यह विधानसभा चुनाव उनका राजनीतिक भविष्य इसलिए तय करेगा। इसके पहले २०१८ के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस के निलय विनोद डागा ने ही पराजित किया था। फिर भी कई दावेदार होने के बाद भी भाजपा ने पुनः हेमंत खंडेलवाल पर ही भरोसा किया और उन्हें टिकट दिया। अगर इस चुनाव में वे हारते हैं तो अर्श से फर्श पर चुनावी मैदान में आ सकते हैं और जीतते हैं तो उनकी राजनीति का यह टर्निग पॉइंट होगा।
- Also Read : Betul Crime : बैतूल में साढ़े 32 लाख से ज्यादा की शराब जब्त, पिकअप से हो रही थी तस्करी, आरोपी गिरफ्तार
इसी तरह आम जनता से पिछले पांच सालों से सीधे संवाद करने वाले बैतूल विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक निलय विनोद डागा इस चुनाव में फिर से कांग्रेस पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी हैं। जिन्होंने दुर्गा नवमी के दिन अपना नामांकन फार्म जमा कर दिया है। निलय विनोद डागा जब पहली बार बैतूल विधायक बने थे तो भाजपा ने उन पर घमंडी, उद्योगपति, गरीबों की परेशानी और उनका दर्द नहीं जानने वाला सहित अन्य कई आरोप लगाए थे। लेकिन, उन्होंने सारे आरोपों को निराधार साबित करते हुए अपना व्यवहार ऐसा रखा कि विपक्षी पार्टी सहित कांग्रेस के कई नेताओं को चौंका दिया।
निलय विनोद डागा ने अपनी चुनावी तैयारियाँ भाजपा प्रत्याशी के घोषित होने के बहुत दिनों के पहले से कर दी थी। क्योंकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की गुड लिस्ट में निलय विनोद डागा का नाम पहले से शामिल है। इसलिए हेमंत की तरह निलय को भी पहले सी ही “ग्रीन सिग्नल” था। जिसके बाद से वे लगातार डैमेज कंट्रोल करने में जुट गए थे।
वर्तमान में उन्होंने ने भी 298 बूथ पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तैनात करके प्रत्येक मतदाता से संपर्क करने के लिया कहा है। लेकिन, यह विधानसभा चुनाव निलय विनोद डागा के लिए आगे का सफर तय करेगा कि बैतूल की राजनीति में उनका कद क्या होगा। ऐसा इसलिए कि उनके कुछ विरोधियों के स्वर हमेशा उनके खिलाफ मुखर रहे हैं।
इस चुनाव विशेष रिपोर्ट का लब्बोलुआब यही है कि बैतूल विधानसभा सीट भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व के लिए टॉप टेन की हॉट सीट में शामिल है। यहां पर अपनी-अपनी पार्टी का झंडा गाड़ने के लिए दोनों ही प्रत्याशी प्रयासरत हैं। हालांकि ऊँट किस करवट बैठेगा इसका फैसला तो 3 दिसंबर को ही होगा।