Banana Interesting Facts : अकेला एक ऐसा फल है जो हर मौसम में मिल जाता है और हमने आज तक कई केले खाए भी है। हम सब ने एक बात तो जरूर नोटिस की होगी वह है खेले का टेढ़ा मेढ़ा होना। आखिर केले की बनावट टेढ़ी-मेढ़ी क्यों होती है। क्या यह सीधा नहीं हो सकता था? यह सवाल तो आपके मन में भी आया होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं इसके पीछे क्या वजह है। दरअसल इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है, तो चलिए जानते है पूरी जानकारी-
केले का वानस्पतिक इतिहास, Banana Botanical history-
यूं तो केले के टेढ़े होने के पीछे कई कारण बताए जाते हैं, लेकिन वानस्पतिक इतिहास (Banana Botanical history) के अनुसार केले के पेड़ का जन्म वर्षावन के बीच में हुआ है और यहां धूप ठीक से नहीं पहुंचती थी। इसलिए केले के पेड़ों को विकसित होने के लिए सही वातावरण नहीं मिला तो वे उस वातावरण में ही अनुकूल हो गए। इस प्रकार जब सूर्य का प्रकाश आने लगा तो केले सूर्य की ओर बढ़ने लगे और उनका आकार टेढ़ा हो गया।
इस वजह से टेढ़ा होता है केला (Banana Interesting Facts)
केले के फल जब जन्म लेना शुरू करता है तो वह एक गुच्छे में लगता है। केले के गुच्छे तो सबने ही देखे होंगे। यह एक कली जैसी होती है, जिसमें हर पत्ते के नीचे केले का एक गुच्छा होता है। इसे देसी भाषा में गैल कहा जाता है। इस समय केला नीचे की ओर बढ़ना शुरू करता है (मतलब सीधा बढ़ता है)।
एक साइंटिफिक कॉन्सेप्ट है Negative Geotropism, जिसके बारे में आपने शायद सुना हो। यह थ्योरी बताती है के कुछ पेड़ ऐसे होते हैं जो सूरज की तरफ बढ़ते हैं (सूरजमुखी भी इसी का उदाहरण है)। केले के पेड़ की प्रवृत्ति भी यही है। ऐसे में केला बाद में ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है। यही वजह है कि इसका आकार टेढ़ा हो जाता है।
हजारों वर्ष पुराना है किले का इतिहास
केले के पेड़ का धार्मिक महत्व भी है। धार्मिक दृष्टि से केला बहुत ही पवित्र माना जाता है। आचार्य चाणक्य के अर्थशास्त्र में भी केले के पेड़ का जिक्र किया गया है। अजंता एलोरा की कलाकृति मैं भी केले के चित्र देखने को मिलते हैं। कहा जाता है केले का इतिहास काफी पुराना है। जानकारी के अनुसार केला सबसे पहले मलेशिया में करीब 4000 साल पहले उगाया गया था। यह इसके बाद सारी दुनिया में आया।
फल के अलावा केले और उसके पेड़ का भी धार्मिक महत्व है। केले के पेड़ और उसके फल को धार्मिक दृष्टि से बहुत ही पवित्र माना जाता है। चाणक्य के अर्थशास्त्र में भी केले के पेड़ का जिक्र है। अजंता-एलोरा की कलाकृतियों में भी केले के चित्र देखने को मिलते हैं। इसलिए केले का इतिहास काफी पुराना है। कहा जाता है कि केला सबसे पहले मलेशिया में करीब 4000 साल पहले उगाया गया था। इसके बाद यह पूरी दुनिया में फैल गया |