▪️ विकास घोड़की, आठनेर
Bakud Dam News : विकासखंड के ग्राम बाकुड़ के किसानों ने सोमवार को आठनेर तहसीलदार कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने बारिश के पूर्व खेतों में पहुंचने वाले रास्ते को बनाने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है।
इस संबंध में किसानों से मिली जानकारी के अनुसार बाकुड़ जलाशय बनने से लेकर आज तक खेतों में पहुंचने वाले मार्ग को लेकर किसानों द्वारा जल संसाधन विभाग एवं जनप्रतिनिधियों से रोड़ की मांग की जा रही थी। इसके बावजूद आज तक इन सैकड़ों किसानों की सुध ना विभाग ने ली और नहीं जनप्रतिनिधियों ने। इसी को लेकर आज बाकुड़ के सैकड़ों किसान एकजुट होकर आठनेर तहसीलदार कार्यालय पहुंचे। उन्होंने तीन दिनों में रोड निर्माण कार्य शुरू करने की मांग करते हुए कहा कि अगर तीन दिनों में रोड निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया तो सभी किसानों द्वारा चक्काजाम कर प्रदर्शन किया जाएगा। जिसकी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
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किसानों को किया जा रहा गुमराह
किसान पंकज वागद्रे एवं विकास घोड़की ने बताया कि बाकुड़ जलाशय बनने से ग्राम बाकुड़ के किसानों को खेतों में पहुंचने के लिए 12 किलोमीटर दूर लालखेड़ी होते हुए जाना पड़ता है। वहीं जल संसाधन विभाग ने खेतों में पहुंचने के लिए रास्ते का जो ज़ीरो पाइंट से मार्क किया है, उस रास्ते से किसान महज 2-3 किलोमीटर का रास्ता तय कर आसानी से खेतों तक पहुंच सकते हैं। इसके बावजूद विभाग द्वारा जीरो प्वाइंट से खेत का रास्ता ना बनाकर डूब क्षेत्र से रास्ता बनाकर किसानों को गुमराह किया जा रहा है। पूर्व में पंचायत द्वारा रास्ते को लेकर अवैध तरीके से खुदाई की गई थी। किसानों की शिकायत के बाद कार्य बंद कर दिया गया था, परन्तु रास्ते को लेकर लम्बे समय से किसानों को गुमराह किया जा रहा है। इस बार किसान एक जुट होकर रास्ते की मांग पर अडे हुए हैं।
मार्ग के अभाव में हो रहा भारी नुकसान
रास्ता नहीं होने से आए दिन खेतों में होने वाली घटनाओं को लेकर किसान परेशान रहते हैं। हाल ही में लालखेड़ी में मालवी के खेत में मकान और पशुओं की जलने की घटना हुई और रास्ता नहीं होने से समय पर फायर ब्रिगेड खेत तक नहीं पहुंचने से किसान को लाखों रुपए का नुकसान हुआ। बारिश में किसानों को खेतों तक पहुंचने और खेतों से उपज लाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन सबके बावजूद वर्षों बीत जाने पर भी आज तक किसानों का दर्द कोई नहीं समझ पाया। इसी के चलते अपने हक की लड़ाई लड़ने एकजुट हुए सैकड़ों किसानों ने आज तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।