Anand Prakash Chaukse : बैतूल। समय ही भगवान है। समय का सम्मान करना आवश्यक है। जिसने समय का मैनेजमेंट कर उसे फालो कर लिया उसका सफल होना निश्चित है। समय के साथ काम करना ही सफलता की कुंजी है। जिस भी चीज में जितना अधिक समय दोगे सफलता भी उतनी अधिक मिलेगी। जिस व्यक्ति ने टाईम का मैनेजमेंट कर लिया और अपने ईगो को ट्यून करना सीख लिया सफलता उसके कदम चूमेगी। सक्सेस और कम्फर्ट जोन एक साथ कभी नहीं मिल सकते।
उक्त उद्गार प्रसिद्ध शिक्षाविद एवं मेक्रोविजन एकेडमी बुरहानपुर के डायरेक्टर आनंद प्रकाश चौकसे ने लायंस एवं लिओ क्लब बैतूल द्वारा रविवार को कांतिशिवा मल्टीप्लैक्स में आयोजित मोटिवेशनल व्याख्यान आनंदमय जीवन पर स्पीच देते हुए व्यक्त किए। श्री चौकसे ने लगभग डेढ़ घंटे के अपने व्याख्यान में इंसान को जीवन में आनंद प्राप्त करने, सफलता पाने के ऐसे कई मूलमंत्र दिए जिस पर अमल करके इंसान न सिर्फ मनचाही सफलता प्राप्त कर सकता है बल्कि अपना जीवन भी आनंद मय कर सकता है।
श्री चौकसे ने स्वयं के जीवन का उदाहरण देते हुए समारोह में मौजूद पालकों को भी बच्चों की परवरिश करने और सफलता के शिखर पर पहुंचने के टिप्स दिए। इस दौरान उन्होंने श्रोताओं की जिज्ञासा शांत करते हुए उनके सवालों के भी सटीक जवाब देकर उन्हें संतुष्ट किया। व्याख्यान के दौरान कई बार पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा।
असंतोष के कारण हुए अविष्कार
व्याख्यान की शुरूआत करते हुए आनंद चौकसे ने कहा कि आनंद का विलोम नहीं होता है। जब व्यक्ति सुख के ऊपर पहुंचता है तो आनंद की अनुभूति होती है। श्री चौकसे ने पुरानी कहावत संतोषी सदा सुखी पर अपनी बात कहते हुए कहा कि मैं इसे पूरी तरह गलत मानता हूं। यदि इंसान संतोषी हो जाए तो नए अविष्कार ही नहीं हो पाते, लेकिन मेरा ऐसा मानना है कि सारे अविष्कार नई क्रिएटिविटी आलसी लोगों के कारण हुई है।
बैलगाड़ी से हवाई जहाज और राकेट तक के सफर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि इंसान बैलगाड़ी से ही संतोष कर लेता तो राकेट तक कैसे पहुंचता? यह इंसान के असंतोष के कारण ही संभव हो पाया था। इस दौरान उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने भैंस पालने और दूध बेचने से अपने जीवन की शुरूआत की। आज पांच स्कूल, एक मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, बुरहानपुर में ताज महल आदि है। इसके बाद भी मैं संतोषी नहीं हूं। यदि मैं 20-25 साल और रह गया तो तूफान मचा दूंगा। विस्तार से मुझे खुशी मिलती है।
ईगो को ट्यून करना सीखे
श्री चौकसे ने कहा कि जिंदगी को हमेशा सरल तरीके से बिताओ। जिंदगी एक ही बार मिली है। इंसान में ईगो होना चाहिए, लेकिन ईगो को ट्यून करना सीखना जरूरी है। ईगो से ही सफलता और असफलता दोनो मिलती है। लेकिन, इंसान को यह आना चाहिए कि कहां कितना ईगो रखना है। आदमियों में ईगो से गुस्सा आता है तो महिलाओं में ईगो बढ़ता है तो जलन होती है। लेकिन यदि ईगो ट्यून करना सीख लिया तो व्यक्ति सफलता के शिखर पर होगा। जब भी इंसान का ईगो बढ़ जाए मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा, चर्च चले जाओ यहां सभी का ईगो खत्म होता है। शांति मिलती है।
रिएक्शन में जियोगे तो हमेशा दुखी रहोगे।
एमवीए डायरेक्टर आनंद चौकसे ने कहा कि इंसान हमेशा दूसरों के रिएक्शन की चिंता करता है और इसी में दुखी रहता है कि लोग क्या कहेंगे? लेकिन, व्यक्ति को हमेशा दूसरो की अपेक्षा स्वयं से ही काम्पिटीशन करना चाहिए। यदि दूसरों से ही तुलना करोगे तो सुखी नहीं रह पाओगे। कभी भी अपनी खुशी की चाबी दूसरो को मत दो। जो मिला है उसमें खुश रहो। जो सपना है उसे समय देकर पूरा करो। भगवान ने सबका रोल फिक्स किया है। बस अपना कर्म ईमानदारी से करो। नेकी करो और दरिया में डालो तब ही तो समुद्र बनेगा।
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हर इंसान का चेहरा और दिमाग यूनिक है
श्री चौकसे ने कहा कि आज के दौर में बच्चे पालना सबसे मुश्किल काम है। लेकिन, माता-पिता को यह तय कर लेना चाहिये कि बच्चों की तुलना कभी किसी से मत करो। भगवान ने सभी का चेहरा और दिमाग यूनिक बनाया है। एक जैसे चेहरे और दिमाग वाले कही भी दूसरे नहीं मिलेंगे। कोई किसी से नहीं मिल सकता है सब यूनिक है। बच्चों पर अपनी ईच्छा थोपने के बजाए उसकी पसंद से काम करने दो। बच्चों से दोस्ताना व्यवहार रखो लेकिन जहां बच्चे नैतिक मूल्यों का हनन करते दिखे तुरंत माता-पिता बनकर सही राह दिखाओ, तब ही बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा।
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शहरवासियों ने किया सम्मान
लायंस क्लब एवं लियो क्लब द्वारा रविवार को कांतिशिवा मल्टीप्लैक्स में शिक्षाविद एवं मेक्रोविजन एकेडमी बुरहानपुर के डायरेक्टर आनंद प्रकाश चौकसे के मोटिवेशनल व्याख्यान का आयोजन किया गया।
समारोह में पहुंचे आनंद प्रकाश चौकसे के साथ लायंस क्लब अध्यक्ष संदीप गुप्ता, लियो क्लब बैतूल अध्यक्ष तिलक पगारिया, लायंस क्लब बैतूल महक अध्यक्ष मधुबाला देशमुख, वरिष्ठ पत्रकार मयंक भार्गव एवं एमवीए बुरहानपुर की मैनेजमेंट मेंबर श्रीमति शीतल पोपली मंचासीन थे। समारोह में पहुंचे जिलेवासियों में से मंचासीन सभी अतिथियों के साथ ही हैहय क्षत्रिय कलार समाज बैतूल के संरक्षक प्रेमशंकर मालवीय, कांतिशिवा गु्रप के विवेक मालवीय, प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. डॉ. कांत दीक्षित, अग्रवाल समाज अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल, हैहय क्षत्रिय कलचुरी कलार समाज बैतूल नगर अध्यक्ष तपन मालवीय, अरूणसिंह किलेदार, राजू अग्रवाल, गौरी बालापुरे, सदन आर्य, डॉ. अरूण जयसिंहपुरे, अनिल राठौर, दीपू सलूजा, दीपक कपूर, श्रीमति मीरा एंथोनी, राजेश दीक्षित, तरूण वैद्य, नीरजा श्रीवास्तव, संतोष जायसवाल, बंटी पेशवानी और कुंबी समाज के जिलाअध्यक्ष दिनेश महस्की ने श्री चौकसे का फूल माला पहनाकर आत्मीय स्वागत किया।
व्याख्यान शुरू होने के पूर्व लायंस क्लब डिस्ट्रिक्ट जीएसटी कार्डीनेटर रविंदर कौर बग्गा ने मुख्य अतिथि आनंद प्रकाश चौकसे का परिचय दिया। समारोह का गरिमामय संचालन लायंस क्लब के पूर्व डिस्ट्रीक गर्वनर एमजेएफ लॉयन परमजीत सिंह बग्गा ने किया।
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