▪️ मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़
Amazing Place : मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में वैसे तो एक से बढ़ कर एक धार्मिक, रमणीक और दर्शनीय स्थान है। हर स्थान की अपनी-अपनी विशेषता है। कुछ स्थान रहस्य और रोमांच से भरे हैं। यहां पहुंच कर लोग न केवल रोमांचित हो उठते हैं बल्कि वहां मौजूद वस्तुओं का रहस्यमयी संसार लोगों को कल्पना के सागर में गोते लगाने को भी मजबूर कर देता है।
जिले के ऐसे ही स्थानों में से एक स्थान है घोड़ीदेव नामक स्थान। दक्षिण वन मंडल (सामान्य) के ताप्ती वन परिक्षेत्र के अंतर्गत वनग्राम कोल्हूढाना गांव से ताप्ती नदी के निकट सघन वनों से आच्छादित वन क्षेत्र में स्थित है घोड़ीदेव नामक स्थल। यह स्थान वहां मौजूद पत्थरों के कारण प्रसिद्ध है।
जंगल में स्थित घोड़ीदेव में हर पत्थर की अपनी एक अलग पहचान है। कोई पत्थर नाग की आकृति का है तो कोई छतरी के आकार का, यहां कोई चट्टान ऐसे लटकी हुई दिखलाई देती है कि उसे देखकर लगता है कि कहीं छूने से यह गिर न जाए।
यहां एक नहीं कई ऐसे पत्थर सालों से बैलेंस बनाए हुए मौजूद हैं। आंधी-तूफान कितना भी आ जाए, वे पत्थर अपने स्थान से नहीं हटे। इन आश्चर्य में डालने वाले पत्थरों की अलौकिक सुंदरता को देखने घोड़ीदेव बाबा स्थल पर साल भर में कई लोग पहुंचते हैं।
यहां पर ऐसी विचित्र चट्टानों के दर्शन होते हैं जो रायसेन जिले के भीमबैठका स्थल पर शैलाश्रयों के रूप में देखी जा सकती है। ग्रामीणों के अनुसार एक छतरी चट्टान है। जिसे छूने में भी डर लगता है कि बैलेंस बिगड़ जाने से यह नीचे गिर जाएगी।
हालांकि इसे देखने वालों ने हिलाने-डुलाने के सारे प्रयास कर लिए पर चट्टान ऐसी मजबूती से बैलेंस बनाये हुए है कि वह हिलती भी नहीं। यहां तक कि इसके ऊपर भी चढ़ जाते हैं परवह नहीं हिलती। यह देखकर लोग कहते हैं कि वाकई बैलेंस हो तो ऐसा, जो प्रकृति ने दिया है इस चट्टान को।
एक ओर जहां यहां के पत्थरों ने इस स्थान को काफी प्रसिद्धी दिलाई है वहीं घोड़ीदेव बाबा में ग्रामीणों की गहरी आस्था भी है। लोग दूर-दूर से यहां मनोकामना लेकर जाते हंै और बाबा का पूजन करते हैं। कहते हैं कि उनकी मनोकामना पूरी भी होती है।
इसके अलावा यहां कई लोग पिकनिक मनाने भी आते हैं। यहां आने वाले घोड़ीदेव बाबा की पहाड़ी के नीचे गुफा में विराजित मां चंडी की गुफा में दर्शन करते है। इसके साथ ही भीम शिला के दर्शन करते हैं।