स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में बैतूल को रैकिंग में अव्वल स्थान दिलाने के लिए बैतूल में कई अभिनव प्रयास हो रहे हैं। नगर पालिका परिषद की पहली महिला ब्रांड एम्बसेडर श्रीमती नेहा गर्ग एवं उनकी टीम द्वारा लगातार कबाड़ से जुगाड़ कर एक से बढ़कर एक कलाकृतियाँ बनाई जा रही हैं जो कि शहरवासियों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
इसी कड़ी में कबाड़ से बनाई गई चिड़िया के बाद उन्होंने पुराने टायरों से लगभग एक टन वजन के हाथी का निर्माण किया है। जो शहर के प्रमुख शिवाजी चौराहे पर रखा गया है। इस हाथी के निर्माण में पुराने टायरों, पुरानी जालियों और अन्य सामग्री का उपयोग किया गया है।
इस हाथी को निर्माण स्थल से शिवाजी चौक तक लाने के लिए क्रेन का उपयोग करना पड़ा। इस हाथी को बनाने के लिए कई खराब टायर काटकर छोटे-छोटे टुकड़े किये, फिर उन्हें लगभग 6000 स्क्रू से जोड़ा गया। शिवाजी चौक पर लगाने के बाद इस को कई रंगों से सजाया गया और इस पर वेस्ट रबर की चादर से सुंदर कारपेट बनाया।
इस तरह से ब्रांड एम्बसेडर श्रीमती गर्ग ने चिडिय़ा और हाथी के निर्माण में लगभग एक टन से अधिक कबाड़ का उपयोग कर शहर की स्वच्छता में बड़ा योगदान दिया है। अन्यथा यह कबाड़ शहर के किसी ना किसी क्षेत्र में गंदगी फैलाते हुए दिखाई देता।
मेरा प्यारा बैतूल को दिया मूर्तरूप
मेक इन इंडिया की तर्ज पर मेरा प्यारा बैतूल स्लोगन देते हुए श्रीमती गर्ग ने एक लायन का भी निर्माण करवाया है। श्रीमती गर्ग ने बताया कि इसमें उनकी टीम ने दो पहिया वाहनों से निकलने वाले चैन स्पाकिट के चकरे और पुरानी चैन का उपयोग किया है। इसका वजन भी लगभग 100 किलो है।
इसे नेहरू पार्क चौराहे पर अंबेडकर जी की मूर्ति के ठीक सामने लगाया गया है और यह भी आकर्षण का केंद्र बन गया है। इसके अलावा मेक इन इंडिया का स्लोगन देते हुए एक और लॉयन का निर्माण करवाया है। श्रीमती गर्ग ने बताया कि इसमें भी दोपहिया वाहनों से निकलने वाले कबाड़ का उपयोग किया है और इसे भी शीघ्र उचित स्थान पर लगाया जाएगा।
वेस्टेज बॉटलों से बनाई 2 डाल्फिन
इसके अलावा पानी की सैकड़ों वेस्टेज बोतलों और उनके ढक्कनों से दो डालफिन मछली का निर्माण किया है। जिन्हें बैतूल शहर के कोठी बाजार क्षेत्र के लल्ली चौक पर लगाया गया है। इस क्षेत्र में पहली ऐसी कलाकृति लगाई गई है। इससे इस क्षेत्र का सौंदर्य बढ़ गया है।
शानदार ईगल का निर्माण किया
ब्रांड एम्बसेडर श्रीमती नेहा गर्ग ने बताया कि इसके अलावा उन्होंने टूटे मटको और अन्य सामग्रियों से शहर के नेहरू पार्क के कॉर्नर पर पत्थरों को मिलाकर एक ईगल का निर्माण किया है। जिसकी स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए आई एक टीम ने काफी सराहना की है। इस स्थान पर पूर्व में अतिक्रमण कर लिया गया था और लोग गंदगी करते थे। यहां यह ईगल का निर्माण होने के बाद यह सेल्फी पाइंट भी बन चुका है। लोग यहां पर ईगल के साथ अपनी सेल्फी लेते हुए दिखाई देते हैं।
पेड़ की विशाल जड़ का बेहतरीन उपयोग
इसके अलावा श्रीमती गर्ग ने यह भी बताया कि शहर के अम्बेडकर चौक पर पुलिस ग्राउंड के सामने सैकड़ों साल पुराना एक पीपल का पेड़ वर्षों से गिरा पड़ा था। जिसकी जड़ इतनी अधिक विशाल थी कि उसे वहां से हटाया नहीं जा पा रहा था। उन्होंने नगर पालिका के सहयोग से इस जड़ पर भी काम किया और इसे आकर्षक रूप दे दिया। इस जड़ को पुराने वॉश बेसिन, कांच की शीशियां एवं अन्य सामग्रियों का उपयोग किया। यहां फाउंटेन की व्यवस्था की जा रही है। इसको भी लोग सेल्फी पाइंट के रूप में उपयोग कर रहे हैं।
इसके अलावा तारों के बड़े बंडलों के लिए जो लकड़ी के चके आते हैं उन पर नक्काशी करवाते हुए निर्माण कार्य करवाया गया है। जिसे नगर पालिका परिषद के बाल मंदिर सभागृह के बाहर मुख्य द्वार के आजु बाजू दीवार पर लगाया जा रहा है।
श्रीमती गर्ग ने यह भी बताया कि उनके द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के लिए बैतूल नगर की रैंकिंग में सुधार के लिए यह सब कलाकृतियां नगर पालिका के सीएमओ अक्षत बुंदेला के विशेष सहयोग एवं नगर पालिका के सहायक यंत्री नीरज धुर्वे, विद्युत अधिकारी अमित सक्सेना, स्वच्छता निरीक्षक संतोष धनेलिया, मनीष यादव, नरेंद्र लव्हाले एवं श्रीमती टीना शर्मा, श्रीमती विधि गर्ग, राजेश भाटिया, श्रेणिक जैन, पायल सोलंकी, उमा सोनी, देवेंद्र अहिरवार, वेदांत अग्रवाल के सहयोग से कबाड़ से जुगाड़ कर बनाई गई हैं। उन्होंने इन कलाकृतियों के लिए और भी जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग दिया है उन सभी का आभार माना है।