Agro Advisory : बैतूल। जिले में प्री-मानसून की बारिश शुरू हो गई है। ऐसे में किसान बोवाई की तैयारी कर रहे हैं। इसे देखते हुए जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र छिंदवाड़ा ने किसान भाइयों के लिए एडवायजरी जारी की है। यह एडवायजरी 15 से 19 जून तक के लिए जारी की गई है।
केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. विजय पराडकर और तकनीकी अधिकारी डॉ. संतकुमार शर्मा ने यह एडवायजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि अगले 120 घंटे (15 से 19 जून) के दौरान घने बादल रहने एवं तूफान, बिजली और हवाओं के साथ हल्की बारिश की संभावना है। अधिकतम तापमान 36 से 38 डिग्री सेंटीग्रेट एवं न्यूनतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेंटीग्रेट रहने की संभावना है।
खेती की तैयारी और व्यवस्था करें
⇒ आंचलिक केंद्र के अनुसार आगामी 4 से 5 दिनों में मानसून प्रदेश भर में सक्रिय होने की संभावना है। अत: किसानों को सलाह दी गई है कि वे इस अनुसार खेतों की तैयारी एवं बोवाई की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें।
⇒ खरीफ फसलों के लिए बोवनी के पहले आवश्यक आदान जैसे बीज, खाद, खरपतवार, फफूंदनाशक, जैविक कल्चर आदि का क्रय कर उपलब्धता सुनिश्चित कर लें।
⇒ आगामी बोई जाने वाली फसलों के उन्नत किस्म के बीज एकत्र कर उनका अंकुरण परीक्षण अवश्य कर लें। सोयाबीन 70 प्रतिशत, धान 80 प्रतिशत, मक्का 80 प्रतिशत, अरहर 75 प्रतिशत होना चाहिए।
⇒ वर्षा के आगमन के पश्चात बोवनी हेतु मध्य जून से जुलाई के प्रथम सप्ताह तक का समय उपयुक्त है। मानसून आगमन के पश्चात जिन क्षेत्रों में लगभग 100 एमएम या 4 इंच बारिश हो गई, वहां बोवाई करना उचित होता है।
⇒ बीज जनित रोगों की रोकथाम हेतु बीजोपचार आवश्यक है। बोवनी के पूर्व 5 ग्राम ट्राइकोडर्मा बिरडी प्रति किलो बीज की दर से बीजोपचार करें। ट्राइकोडर्मा न मिलने पर थीरम 2 ग्राम और कार्बेन्डाजिम 1 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से बीजोपचार करें। बाद में कल्चर एवं पीएसबी से बीजोपचार करना चाहिए।
किस फसल के लिए कैसी तैयारी
हरी खाद
हरी खाद के लिए मानसून की शुरूआत से पहले ही ढेंचा या सनई बीज 30 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
- यह भी पढ़ें : Ayushman Bharat Yojana : आयुष्मान योजना का बढ़ा दायरा, गंभीर रोगों का भी होगा इलाज, महिलाओं को विशेष लाभ
मक्का
भूमि की तैयारी एवं उन्नत बीज का चयन करें। जमीन की किस्म के अनुसार संकर मक्का का चयन करें। साथ ही साथ शासकीय अनुसंधान द्वारा विकसित जेएम 215, जेएम 216, जेएम 218, एचक्यूपीएम-1, एचक्यूपीएम-5, विवेक-1 एवं पीजेएचएम-1 (संकर) उन्नत जातियों के बीज की व्यवस्था करें एवं बीज उपचारित करके ही बोएं।
सोयाबीन (Agro Advisory)
मानसून की बारिश आने के बाद खेत को कल्टीवेटर और पाटा चलाकर बोवाई हेतु तैयार करें। मानसून आगन के पश्चात जिन स्थानों पर लगभग 100 एमएम या 4 इंच बारिश हो गई है, वहां बोवाई करना उचित होगा।
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे पंक्तियों के बीच 45 सेंटीमीटर की दूर और पौधों के बीच 5 से 10 सेंटीमीटर दूरी 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई पर रखें। बीज दर 60 से 70 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखी जा सकती है।
उपलब्ध सोयाबीन बीज का अंकुरण परीक्षण न्यूनतम 70 प्रतिशत अवश्यक करें। किसान ब्रॉड बेड फरो (BBF) या रिज एंड फरो का उपयोग करें। इससे जल भराव और सूखे की स्थिति में फसल प्रबंधन आसान हो जाएगा।
कपास (Agro Advisory)
खेतों की अंतिम जुताई के पूर्व अनुशंसित गोबर की खाद 5 टन प्रति हेक्टेयर (असिंचित) या 10 टन प्रति हेक्टेयर (सिंचित) की दर से खेत में डालकर अच्छी तरह से मिट्टी में मिला दें। कपास की बोवाई जून के पहले से दूसरे सप्ताह में अनुशंसित दूरी परन करें।
बुआई के समय एनपीके 30:60:60 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग करें। जून में समय पर बोवाई करने से गुलाबी बोर्लवर्म के शुरूआती संक्रमण से बचने में मदद मिलती है। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द बोवाई पूरी करें।
- यह भी पढ़ें : PhD to blind student : एक और श्रीकांत… नेत्रहीन दिलीप ने खुद लिखी थीसिस, बनाया पॉवर पाइंट प्रेजेंटेशन और पा ली पीएचडी
उद्यानिकी फसलें (Agro Advisory)
किसानों को अगेती फूलगोभी, टमाटर, मिर्च और बैगन के लिए पौधशाला की तैयारी के लिए सलाह दी जाती है। पौधशाला 5-6 इंच ऊंची और 3 फीट चौड़ी होना चाहिए। बीज को कैप्टन 2.0 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज से उपचार के बाद नर्सरी में बोना चाहिए।
खरीफ सब्जियों की बोवाई के लिए मौसम अनुकूल है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों का प्रयोग करें। कद्दूवर्गीय सब्जियों और फलियों वाली सब्जियों की बोवाई की जा सकती है।
मौसम की अनुकूलता को देखते हुए किसानों को भिंडी फसल लगाने की सलाह दी जाती है। अर्का अभय, पूसा ए-4, अर्का अनामिका, वर्षा उपहार, हिसार उन्नत, परभानी क्रांति किस्मों की सिफारिश जिले में बोवाई के लिए की जाती है।
फल वृक्ष (Agro Advisory)
वर्तमान मौसम बेर में कटाई एवं छंटाई के लिए उपयुक्त है। अत: पुराने व देसी अनुत्पादक पेड़ों में कलिकायन (बडिंग) हेतु कटाई-छंटाई का कार्य करें। नए बाग की स्थापना हेतु उपयुक्त आकार और तय दूरी के गड्ढे खोदें और सोलराइजेशन के लिए मिट्टी को खुला छोड़ दें।
नए बाग की स्थापना हेतु उपयुक्त आकार और तय दूरी के गड्ढे में इस सप्ताह के दौरान 3:2:1 के अनुपात में अच्छी सड़ी गोबर की खाद, मिट्टी और रेत का मिश्रण तैयार कर गड्ढे भराई का कार्य करें। आगामी मौसम को ध्यान में रखते हुए पुराने फल वृक्षों के थालों की मरम्मत और सफाई का कार्य करें।
पशुओं की देखभाल (Agro Advisory)
गलघोंटू व जहरी बुखार के टीके लगवाएं ताकि बारिश के मौसम में इन बीमारियों के प्रकोप से बचा जा सकें। पोषक तत्व की आवश्यकता की पूर्ति के लिए पशु के अनुसार हरा चारा और खनिज मिश्रण प्रदान करें। दूध उत्पादन करने वाले जानवरों को घर पर ही रखें तथा हरी घास खिलाएं।
देश-दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | Trending खबरों के लिए जुड़े रहे betulupdate.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए सर्च करें betulupdate.com