
Agriculture News Today: (नई दिल्ली)। भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने हिमाचल प्रदेश राज्य में किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि उत्पादकता (Agriculture News Today) बढ़ाने, सिंचाई सुविधा में सुधार करने और बागवानी कृषि व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए 130 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। हिमाचल प्रदेश उपोष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई और मूल्य संवर्धन परियोजना के लिए भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के अपर सचिव रजत कुमार मिश्रा और एडीबी की ओर से एडीबी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के निदेशक ताकेओ कोनिशी ने हस्ताक्षर किये।
ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद श्री मिश्रा ने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्रों में उपोष्णकटिबंधीय बागवानी में सुधार, जो अब तक उत्तरी क्षेत्रों में समशीतोष्ण बागवानी पर निर्भर है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में फसल विविधीकरण, जलवायु अनुकूलन और अधिक समान आर्थिक तथा सामाजिक विकास के अवसर प्रदान करता है। बागवानी मूल्य श्रृंखलाओं का समर्थन करने से देश के विकास और खाद्य सुरक्षा में इस उप-क्षेत्र के योगदान को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
श्री कोनिशी ने कहा, “यह परियोजना एडीबी की तत्परता सुविधा परियोजना द्वारा वित्तपोषित एक पायलट परियोजना पर आधारित है, जिसने 200 हेक्टेयर से अधिक उपोष्णकटिबंधीय बागवानी उत्पादन को दिखाया है और जल उपयोगकर्ता संघ (डब्ल्यूयूए) अधिनियम का मसौदा तथा राज्य बागवानी विकास रणनीति का मसौदा तैयार किया है।”
परियोजना के कार्यान्वयन से राज्य के 7 जिलों – बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर, सोलन और ऊना – में कम से कम 15,000 कृषि परिवारों की आय बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने में मदद मिलेगी। इन परिवारों ने सिंचाई सुविधाओं की कमी और जंगली व आवारा पशुओं द्वारा फसल की क्षति के कारण खेती करना बंद कर दिया है या अपने खेती के रकबे को कम कर दिया है।
यह परियोजना राज्य के जल शक्ति विभाग (जल संसाधन विभाग) और बागवानी विभाग (डीओएच) के संयुक्त प्रयासों के माध्यम से नई सिंचाई योजनाओं के पुनरुद्धार या निर्माण तथा सूक्ष्म सिंचाई प्रबंधन के लिए डब्ल्यूयूए की क्षमता को मजबूत करके लगभग 6,000 हेक्टेयर कृषि भूमि में कृषि सिंचाई और जल प्रबंधन में सुधार करेगी।
यह परियोजना, उपोष्णकटिबंधीय बागवानी के बाजारों तक किसानों की पहुंच में सुधार के लिए एक इकोसिस्टम तैयार करने में भी मदद करेगी। किसानों को क्लस्टर आधारित सामुदायिक बागवानी उत्पादन और विपणन संघों (सीएचपीएमए) तथा जिला आधारित सीएचपीएमए सहकारी समितियों में संगठित किया जाएगा। सीएचपीएमए की शीर्ष संस्था, किसान उत्पादक कंपनी (एफपीसी), लाभ सुनिश्चित करने और उपोष्णकटिबंधीय बागवानी के 1/5/2018-एडीबी.II I/67997/2023 बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्यव्यापी कृषि व्यवसाय विकास का नेतृत्व करेगी। एफपीसी, व्यवसाय योजना विकास; कृषि व्यवसाय को बढ़ावा और छँटाई व पैकेजिंग सुविधाओं एवं भंडारण और संग्रह केंद्रों जैसी मूल्य-संवर्द्धन सुविधाओं के डिज़ाइन तैयार करने से जुड़े कार्य संभालेगी। यह इन सुविधाओं के प्रबंधन में सीएचपीएमए की सहायता भी करेगी।
यह परियोजना पौधों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सार्वजनिक और निजी उपोष्णकटिबंधीय बागवानी नर्सरी सुविधाओं का आधुनिकीकरण करेगी एवं सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों तक लाभार्थी किसानों की पहुंच तथा वास्तविक-समय पर कृषि सलाह और बेहतर सीएचपीएमए प्रबंधन के लिए अन्य डिजिटल कृषि-प्रौद्योगिकी प्रणालियों को बढ़ावा देगी।