Earthshine Moon Glow: रविवार की शाम चमकते खगोलीय पिंडों की जोड़ी ने सबका मन मोह लिया। शुक्ल पक्ष तीज का हंसियाकार चंद्रमा और चमकता शुक्र ग्रह, एक दूसरे से मेल-मुलाकात करते नजर आये। आसमान में नजर आए इस दृश्य ने सभी का मन मोह लिया।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि आज मून और वीनस के बीच एक डिग्री से कुछ अधिक का ही अंतर दिख रहा था। सूर्यास्त के बाद जैसे–जैसे आकाश की लालिमा कम होती गई, इस जोड़ी की चमक बढ़ती दिखने लगी। ये दोनों वृषभ तारामंडल के सामने थे।
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सारिका ने बताया कि आज अर्थशाईन की खगोलीय घटना दिखाई दी। जिसमें चंद्रमा हंसियाकार होते हुये भी पूरे गोलाकार दिखने का आभास करा रहा था। इस घटना के समय सूरज की रोशनी, पृथ्वी की सतह से परावर्तित हो रही थी और चंद्रमा के अंधेरे वाले भाग को रोशन कर रही थी। इस तरह चंद्रमा का चमकदार भाग तो सूरज की किरणों से चमक रहा था, लेकिन अंधेरे वाला भाग उस सूर्य प्रकाश से हल्की चमक के साथ दिख रहा था जो कि पृथ्वी से टकराकर चंद्रमा पर पहुंचा था। इस तरह आज मून ने मांगी चमक पृथ्वी से और बनाई जोड़ी वीनस से।
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विद्या विज्ञान के अंतर्गत टेलिस्कोप से चंद्रमा की कलाओं को दिखाते हुये सारिका ने बताया कि इनमें से वीनस तो पृथ्वी से लगभग 15 करोड़ 52 लाख किमी दूर था तो चंद्रमा मात्र 3 लाख 90 हजार 7 सौ किमी था, लेकिन उनका पृथ्वी से दिखने वाला कोण इस प्रकार का था कि वे मिलते से दिख रहे थे। इनमें से वीनस माईनस 4.12 मैग्नीट्यूड से और चंद्रमा माईनस 10.3 मैग्नीट्यूड चमक रहा था। अनेक स्थानों पर इस मिलन को देखा गया, लेकिन कुछ स्थानों पर कुछ समय बाद में बादल बाधा बने। सारिका ने बताया कि जोड़ी बनाते ये खगोलीय पिंड मिलते से देखे जाने के लगभग 2 घंटे 50 मिनिट बाद साथ ही डूब गये।