Advice : कृषि मंत्री बोले- इस समय करें यूरिया का स्प्रे, ज्यादा मिलेगी उपज

Advice : मध्यप्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है किप्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार ने खरीफ में किसानों को आवश्यक मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराया है और रबी में भी इसी प्रकार से किसानों की आवश्यकतानुसार उर्वरक उपलब्ध करायेगें। मंत्री श्री कंषाना ने श्यामला हिल्स स्थित निवास पर मीडिया से चर्चा में यह बातें कही।

Advice : कृषि मंत्री बोले- इस समय करें यूरिया का स्प्रे, ज्यादा मिलेगी उपज

Advice : मध्यप्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है किप्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार ने खरीफ में किसानों को आवश्यक मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराया है और रबी में भी इसी प्रकार से किसानों की आवश्यकतानुसार उर्वरक उपलब्ध करायेगें। मंत्री श्री कंषाना ने श्यामला हिल्स स्थित निवास पर मीडिया से चर्चा में यह बातें कही।

मंत्री श्री कंषाना ने कहा कि फसलों के लिये नाईट्रोजन, फास्फोरस और पोटास की आवश्यकता होती है। डीएपी से नाइट्रोजन एवं फास्फोरस की ही पूर्ति हो पाती है, जबकि एनपीके के उपयोग से नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश तीनों तत्वों की पूर्ति हो जाती है। इसलिये किसानों को कृषि वैज्ञानिकों द्वारा डीएपी के स्थान पर एनपीके के उपयोग की सलाह दी जा रही है।

सरकार ने बढ़ाई उर्वरकों पर सब्सिडी

केन्द्र सरकार ने डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ा दी है जिससे कि किसानों को किसी तरह की समस्या न हो। एक बैग यूरिया की कीमत 2 हजार 265 रूपये है। जबकि सरकार इसे सस्ते दर पर किसानों को 266.50 रूपये में उपलब्ध करा रही है। इसी प्रकार डी.ए.पी की एक बैग की कीमत 2 हजार 446 रूपये है, जबकि सरकार इसे किसानों को 1 हजार 350 रूपये प्रति बैग उपलब्ध कराती है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में इजाफा

मंत्री श्री कंषाना ने कहा कि प्रदेश में किसानों को खरीफ के मौसम में दी जाने वाली सब्सिडी की गणना करें तो यह यूरिया के लिए 7 हजार 32 करोड़ रूपये एवं डीएपी के लिये 1 हजार 258 करोड़ रूपये होगी।

यह सरकार की किसानों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में डीएपी की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव का कारण यूक्रेन और इजराइल संघर्ष है। इनके संघर्ष के कारण आपूर्ति में बाधाओं का सामना करना पड़ा है। फिर भी किसानों को पर्याप्?त उर्वरक उपलब्ध कराने की योजना तैयार की गई है।

इतना उर्वरक अभी तक हुआ उपलब्ध

मंत्री श्री कंषाना ने कहा कि खरीफ 2024 में किसानों को 32.97 लाख मीट्रिक टन की मांग के विरूद्ध 33.69 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराया गया है, जबकि पिछले वर्ष खरीफ 2023 में 32.62 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध कराया गया था।

इसी प्रकार रबी 2024 में 41.10 लाख मीट्रिक.टन की मांग के विरूद्ध 01 अक्टूबर 2024 से अभी तक 19 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराया गया है। जिसमें 7.74 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 5.21 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 6.05 लाख मीट्रिक टन एसएसपी उपलब्ध करा दिया गया है।

केवल मध्यप्रदेश में होता अग्रिम भंडारण

मंत्री श्री कंषाना ने कहा कि प्रदेश में रबी 2024 के लिए भी पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं। मध्यप्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है जो उर्वरकों का अग्रिम भंडारण करता है ताकि किसानों को उर्वरक की कोई कमी न हो।

रबी सीजन की शुरुआत में राज्य ने पहले ही 6.55 लाख मीट्रिक टन अग्रिम भंडारण कर लिया था। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने का आश्वासन मिला है और लगातर उर्वरक प्राप्त भी हो रहे है। किसानों को उनकी मांग के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जायेगा।

फूल आने से पहले करें उर्वरक का स्प्रे

मंत्री श्री कंषाना ने कहा कि नैनो यूरिया और नैनो डीएपी भी किसानों को उपयोग करने की सलाह दी गई है। फूल आने से पहले स्प्रे करने से उपज में वृद्धि होती है। किसानों को उर्वरकों की बिक्री पर अन्य उर्वरक टैग करने के लिये कोई दबाव नहीं डाला जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि दिए गए उर्वरक गुणवत्तापूर्ण हों। जहाँ भी घटिया गुणवत्ता के उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक ब्रिकी की सूचना मिलेगी, उनके विरूद्ध हम सख्त कार्रवाई करेंगे। कालाबाजारी और नकली उर्वरकों के मामले में हम कानूनी कार्रवाई भी करेंगे और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेंगे।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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