Action For Onion Price: भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नाफेड) भारत सरकार के निर्देश पर गुजरात में प्याज की गिरती कीमतों के मुद्दे को हल करने के लिए खरीफ मौसमी प्याज की खरीद शुरू करेगा। भारत सरकार के इस कदम से राज्य में प्याज के बाजार में स्थिरता आयेगी।
राज्य में खरीफ मौसम के अंत में प्याज की कीमतों में गिरावट के कारण स्थिति का जायजा लेते हुए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने नाफेड को गुजरात के तीन प्रमुख बाजारों से प्याज की खरीद शुरू करने का निर्देश दिया है। नाफेड भावनगर (महुआ), गोंदल और पोरबंदर में 9 मार्च, 2023 से प्याज की खरीद शुरू करेगा।
Action For Onion Price राज्य में प्याज की गिरती कीमतों से किसानों को तत्काल राहत देने के लिए भारत सरकार द्वारा इसकी योजना बनाई गई है। किसानों से अनुरोध किया गया है कि वे इन केंद्रों पर बेहतर दर का लाभ उठाने के लिए खरीद केंद्रों पर अपनी अच्छी गुणवत्ता और सूखे स्टॉक लाएं। किसानों को भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा। आवश्यकतानुसार समय-समय पर और भी केंद्र खोले जायेंगे।
किसान को हो रहा इतना घाटा (Action For Onion Price)
राज्य के कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, भावनगर जिले में 2020-21 में 34,000 हेक्टेयर में प्याज की खेती की गई थी, जबकि 2021-22 में इस क्षेत्र में 34,366 हेक्टेयर में प्याज बोया गया था। 2020 में गुजरात राज्य में कुल खेती- 21 67,736 हेक्टेयर था जो 2021-22 में बढ़कर 99,413 हेक्टेयर हो गया। घनश्याम पटेल के अनुमान के मुताबिक प्रति 20 किलोग्राम उत्पादन पर 220 रुपये खर्च होते हैं और इसके मुकाबले एक किसान को औसतन 150 रुपये मिलते हैं यानी किसान को प्रति 20 किलोग्राम उत्पादन पर 70 रुपये का घाटा होता है।
किसानों को नहीं मिल पाती सही जानकारी
क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप दिसंबर की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में खरीफ सीजन के दौरान 1.85 लाख हेक्टेयर में प्याज बोया गया था, जिसमें से 40,000 हेक्टेयर भारी या बेमौसम बारिश और अन्य कारणों से प्रभावित हुआ था। भावनगर एपीएमसी मार्केट यार्ड के व्यापारी मनुभाई पटेल ने कहा, ‘किसानों को इसकी सही जानकारी नहीं मिल पाती है। अगर उन्हें खेती का पैटर्न और क्षेत्र मिले और संभावित फसल के बाद के बाजार का पूर्वानुमान मिलता, तो वे यह तय कर सकते हैं कि प्याज की फसल के साथ आगे बढ़ना है या नहीं या अन्य फसल पर स्विच करना है।