Cyber Fraud : शातिर साइबर ठगों द्वारा लोगों को बेवकूफ बनाकर रुपये ऐंठने के लिए नए-नए तरीके इजाद कर उन्हें अमल में लाया जाता है। इसी कड़ी में अब एक और नया तरीका इन दिनों चलन में आ गया है। यह तरीका इतना कारगर है कि इसमें लोग आसानी से बेवकूफ बन जाते हैं और मेहनत की तगड़ी कमाई गवां बैठते हैं।
इस नए तरीके से मध्यप्रदेश के बैतूल में भी एक निजी स्कूल संचालक को ठगने का प्रयास हाल ही में किया गया। यह बात अलग है कि थोड़ी जागरूकता और सतर्कता के कारण वे बच गए। लेकिन, उन्हीं के एक स्कूल की शिक्षिका को साइबर ठग 5 हजार का चूना लगाने में सफल हो गया।
क्या है यह नया तरीका
ऑनलाइन ठगी का ताजा तरीन तरीका यह है कि पहले यह शातिर ठग आपके बैंक एकाउंट में कुछ राशि डालते हैं। इसके बाद वे कॉल करके गलती से राशि आपके खाते में चले जाने की बात कहते हुए इमरजेंसी होने का हवाला देते हुए वापस लौटाने का कहते हैं। इसके साथ ही वे बैंक एकाउंट नंबर भी देते हैं।
आसानी से हो जाते गुमराह
इसके बाद जब संबंधित व्यक्ति बैंक मैसेज देखते हैं तो उन्हें भरोसा हो जाता है कि यह राशि उनके खाते में आई है। कई सीधे-साधे और साधारण लोग इस बारे में ज्यादा नहीं सोचते और गलती से राशि आ गई, यह सोचकर वह राशि उनके बताए गए बैंक खाते में जमा कर देते हैं। बस, यहीं पर लोग गच्चा खा जाते हैं।
पूरा जोर उस खाते में वापसी पर
ऐसे लोग केवल उस खाते में राशि वापस करने पर ही पूरा जोर देते हैं। इसकी वजह यह है कि वह राशि वे उस खाते में जमा करवाते हैं जिससे राशि उन्होंने ट्रांसफर की ही नहीं थी। यदि कोई राशि वापस भेजने से मना करें या आनाकानी करें तो पुलिस की धमकी देने या व्यक्ति रूप से धमकाने पर भी वे उतर आते हैं।
इस नियम का उठाते हैं फायदा
फेसबुक सहित कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कई लोगों द्वारा इस तरह की ठगी के तरीके का ब्योरा देते हुए बताया गया है कि यह लोग बाद में बैंक में क्लेम करके यह राशि उस कहते से अपने कहते में वापस ट्रांसफर करवा लेते हैं।
दो-दो बार वापस ले लेते राशि
आम लोग इस चालाकी से वाकिफ नहीं होते और साइबर ठग इसी का फायदा उठाकर एक ओर वे सामने वाले से भी राशि किसी अन्य खाते में डलवा लेते हैं और फिर बैंक से क्लेम करके वहां से भी राशि वापस ले लेते हैं। दूसरी ओर चूंकि वे पहले ही किसी अन्य खाते में राशि डलवाते हैं जिससे यह भी बैंक के सामने स्पष्ट नहीं होता कि वह राशि उन्हें वापस मिल चुकी है।
पीड़ित के पास नहीं कोई प्रमाण
इधर पीड़ित व्यक्ति भी यह साबित नहीं कर सकता कि उन्होंने उसी खाते में ही राशि लौटाई, जिस खाते से उनके पास आई थी। ऐसे में शातिर ठग तो दोगुनी राशि पा लेते हैं, लेकिन जिनका कोई लेना-देना नहीं होता, वे अपनी मेहनत की कमाई गवां बैठते हैं। ऐसी ठगी रोजाना कई लोगों के साथ हो रही है।
बैतूल में चूना लगते-लगते बचा
इसी तरह का प्रयास बैतूल में भी हुआ। यहां तो शातिर ठग बिना कोई राशि ट्रांसफर किए ही राशि वापस देने के लिए दबाव बना रहा था। लेकिन, उसमें कामयाब नहीं हो सका। इस बारे में बैतूल बाजार स्थित डिवाइन इंग्लिश स्कूल के संचालक अजय पवार के पास एक फोन आया, जिसमें एक शख्स ने खुद को एक बच्ची का अभिभावक बताया।
ऑनलाइन फीस जमा करने का झांसा
इसमें उसने बच्ची की फीस ऑनलाइन जमा करने की बात कही। अजय पवार ने फीस जमा करने की सहमति दी, जिसके बाद उस व्यक्ति ने उन्हें व्हाट्सएप पर एक स्क्रीनशॉट भेजकर दावा किया कि गलती से 6 हजार रुपये की जगह 60 हजार रुपये ट्रांसफर हो गए हैं। इसके बाद उनसे 54 हजार रुपये वापस भेजने की मांग की।
खाता चेक किया तो नहीं आई राशि
अजय पवार ने अपना खाता चेक किया, पर उसमें कोई राशि नहीं आई थी और न ही वह नाम स्कूल में दर्ज था। इसके बाद ठग ने बार-बार फोन करके 54 हजार रुपये लौटाने का दबाव बनाना शुरू किया और यहां तक कि पुलिस में शिकायत करने की धमकी भी दे डाली। इससे शंका होने पर अजय पवार ने तत्काल बैतूल बाजार थाने में शिकायत दर्ज करवाई। जब पुलिस ने ठग से बात की, तो उसने पुलिस को भी धमकी दी और फोन काट दिया।
खाते से गायब हो गए 5 हजार रुपये
इसी बीच, डिवाइन स्कूल की स्पोर्ट्स शिक्षिका प्रतीक्षा मालवीय को भी एक अन्य नंबर से कॉल आया, जिसमें ठग ने 150 रुपये गलती से उनके खाते में ट्रांसफर होने का दावा किया और पैसे वापस मांगने लगा। प्रतीक्षा ने बिना खाता चेक किए 150 रुपये वापस भेज दिए, जिसके कुछ देर बाद उनके खाते से 5 हजार रुपये और गायब हो गए।
स्कूल संचालक ने यह की अपील
स्कूल संचालक और शिक्षक प्रकोष्ठ भाजपा के जिला संयोजक अजय पवार ने सभी ऑनलाइन लेनदेन करने वालों से सतर्क रहने की अपील की है। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और ठगों का पता लगाने के प्रयास जारी है।
ऐसा आपके साथ होने पर क्या करें..?
जानकार बताते हैं कि यदि आपके साथ ऐसा होता है तो कॉल आने पर किसी अन्य खाते में राशि जमा करने की जल्दबाजी बिल्कुल न करें। सबसे पहले बैंक जाएं और मैनेजर को पूरी बात बताएं। उसके बाद नियमानुसार संबंधित खाते में ही राशि वापस ट्रांसफर करवाएं। अन्यथा आप अपनी राशि से भी हाथ धो बैठेंगे।
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