DAP Urea News : बैतूल जिले को डीएपी खाद मिलने से खाद की किल्लत से निजात मिली है। खाद की रैक के आते ही किसानों को वितरण का कार्य भी प्रारंभ कर दिया है। जल्द ही दो रैक यूरिया की मिलने वाली है। इससे किसानों को पर्याप्त खाद मिल जाएगी और किल्लत नहीं होगी।
जिले में किसान अभी रबी फसल की बोवनी की तैयारी में लगे हैं। अभी खाद-बीज का उठाव किया जा रहा है। बीच में डीएपी खाद की कमी होने की बात सामने आई थी। खाद की किल्लत को देखते हुए डीएपी खाद की रैक मंगाई गई है। दीपावली के समय जिले को 2700 मीट्रिक टन डीएपी खाद प्राप्त हुआ है।
पहुंचते ही सोसायटियों को भिजवाया
खाद की रैक बैतूल पहुंचते ही इस सोसायटियों में भेज दिया है। सोसायटियों से किसानों को खाद वितरण का काम भी शुरु कर दिया है। खाद की रैक मिलने के बाद अधिकारियों का मानना है कि जिले में अब खाद की कमी नहीं है। खाद पर्याप्त मात्रा में मौजूद है।
बोवनी के समय रहती ज्यादा मांग
उल्लेखनीय है कि किसानों द्वारा रबी फसल की बोवनी के समय डीएपी, पोटाश खाद का उपयोग किया जाता है। इसलिए बोवनी के समय डीएपी खाद की अधिक डिमांड बनी रहती है। किसानों का मानना है कि इस बार भी जिले को समय पर खाद उपलब्ध हो रहा है। किसान अपनी सोसायटियों से खाद खरीद सकते हैं। किसानों को आवश्यकता अनुसार खाद उपलब्ध कराया जा रहा है।
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जल्द आएंगी यूरिया की दो रैक
अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही जिले को यूरिया खाद की दो रैक मिलने वाली है। बोवनी के बाद किसान फसलों को यूरिया खाद देते हैं। यूरिया खाद की डिमांड बढ़ने के पहले ही जिले को दो खाद की रैक उपलब्ध हो जाएगी। दो रैक खाद आने के बाद जिले में यूरिया खाद की किल्लत नहीं रहेगी। इस दो रैक में जिले को लगभग 5500 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध हो जाएगा।
डीएमओ बोले- नहीं है किल्लत
इस संबंध में डीएमओ प्रदीप गिरेवाल का कहना है कि एक यूरिया की रैक बैतूल के लिए रवाना हो गई है। दो-तीन दिन के भीतर खाद की रैक बैतूल पहुंच जाएगी। उसके बाद एक और आएगी। खाद उपलब्ध हो जाने से किसानों को सोसायटियां के चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अभी भी खाद की किल्लत नहीं है।
इधर किसानों का कहना है कि फसल अंकुरित होने के कुछ दिनों बाद यूरिया खाद की जरूरत पड़ती है। फसल की बढ़वार के लिए यूरिया खाद देना जरूरी हो जाता है। अभी सोसायटियों से किसान खाद-बीज का उठाव कर रहे हैं।
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