शिवराज सिंह : रबी की मुख्य 6 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की घोषणा पर केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि किसान हितैषी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में आज किसान हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। रबी की मुख्य 6 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की गई है।
गेहूं, जौ, चना, मसूर, रेपसीड- सरसों और कुसुम पर एमएसपी में वृद्धि की गई है। गेहूं 2025-26 के लिए 2425 रुपए प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा। जौ की एमएसपी बढ़कर 1980 रुपए होगी। चना 5,650 रुपए क्विंटल, मसूर 6,700 रुपए प्रति क्विंटल, रेपसीड और सरसों 5,950 रुपए प्रति क्विंटल, कुसुम 5,940 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है।
एमएसपी में इतना हुआ इजाफा
गेहूं की एमएसपी में 150 रूपए प्रति क्विंटल वृद्धि हुई है। जौ में 130 रुपए प्रति क्विंटल, चना में 210 रुपए प्रति क्विंटल, मसूर में 275 रुपए प्रति क्विंटल, रेपसीड और सरसों में 300 रुपए प्रति क्विंटल और कुसुम में 140 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी बढ़ी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने तय किया है कि, वास्तविक लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत मुनाफा देकर किसानों की फसल खरीदी जाएगी।
किसान हितैषी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में आज केंद्र सरकार ने रबी सीजन 2025-26 के लिए 6 मुख्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की है।
लागत पर 50% से अधिक लाभ देकर एमएसपी पर खरीदने का फैसला करने के लिए प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार!
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) October 16, 2024
कांग्रेस सरकार में यह थे दाम
जब कांग्रेस की सरकार थी 2014 और 2024 में अगर अंतर देखे तो 2014 में गेहूं केवल 1400 रूपए क्विंटल था, जौ केवल 1100 रूपए क्विंटल थी, चना 3100 रूपए क्विंटल था, मसूर 2950 रूपए प्रति क्विंटल था, कुसुम 3000 रूपए क्विंटल थी और सरसो 3050 रूपए क्विंटल थी और उसकी भी खरीदी नहीं होती थी। ये भारतीय जनता पार्टी और मोदी जी की सरकार है जो गेहूं तो खरीदती ही है लेकिन हमने फैसला किया कि अरहर, मसूर और उड़द भी पूरी खरीदी जाएगी।
सब्जियों को लेकर यह खास पहल
किसानों के हित में एक नहीं अनेकों फैसले किए जा रहे हैं। मुझे कहते हुए प्रसन्नता है कि जल्दी खराब होने वाली फसलें जिनमें मुख्य रूप से सब्जियां होती है, उन्हें किसान महानगरों में आकर बेच सकते हैं और ट्रांसपोर्टेशन का खर्च सरकार वहन करेगी। सब्जियों के बारे में भावांतर भुगतान जैसी योजना भी है। किसान को ठीक दाम देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और आज उसी के अनुरूप एमएसपी की नई दरें घोषित की गई है।
आयात-निर्यात नीति में भी परिवर्तन
एक तरफ न्यूनतम समर्थन मूल्य निरंतर बढ़ाते जाना, राज्य सरकारों के साथ मिलकर खरीदी का काम करना और दूसरी तरफ आयात निर्यात नीति में भी परिवर्तन किए जा रहे हैं। पहले खाद्य तेल के आयात पर जीरो प्रतिशत ड्यूटी थी लेकिन अब 27.5 प्रतिशत ड्यूटी लगती है, जिसके कारण सोयाबीन के दाम बढ़ गए हैं।
चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटा
इसी तरह प्याज के एक्सपोर्ट पर 40 प्रतिशत ड्यूटी को घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध हटा लिया गया है। एमएसपी की दरें बढ़ाने और किसान हितैषी फैसले लेने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का अभिनंदन करता हूं और किसान हितैषी ये कार्य लगातार जारी रहेंगे।
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