⇓ मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़
Betul Forest News : बैतूल जिले के दक्षिण वनमण्डल (सामान्य) अंतर्गत ताप्ती वन परिक्षेत्र के जंगल में बेशकीमती सागौन के पेड़ बड़ी मात्रा में सूख रहे हैं। यह किसी बीमारी के कारण हो रहा है या मौसम का कोई असर है, यह किसी को नहीं पता। सैकड़ों पेड़ इस हालत में पहुंच चुके हैं कि उनमें अब हरियाली वापस आना नामुमकिन लग रहा है।
यह स्थिति सिमोरी, कनारा, हिवरखेड़ी, महुपानी, डोक्या, कास्या, मेंढ़ा सहित अनेक वन क्षेत्रों में देखी जा रही है। बताया जाता है कि सागौन वृक्षों पर बरसात में स्केलेटनाइजर नामक बीमारी से हर वर्ष पतझड़ लगता है। हालांकि बाद में वे हरे हो जाते हैं। लेकिन, इस वर्ष बड़ी संख्या में सागौन के वृक्ष पतझड़ के बाद सूख गए हैं। इन पेड़ों में अब हरियाली आना मुश्किल है।
इसकी वजह यह है क्योंकि बड़े-बड़े वृक्ष जड़ तक सूख चुके हैं। उनकी डालियां इतनी कमजोर हो गई हैं कि वे स्वयं टूटकर गिर रही है। यह विचित्र बीमारी क्या है और यह किस वजह से पेड़ अपना अस्तित्व खो रहे हैं इस बारे में क्षेत्र में किसी को जानकारी नहीं है।
इस गंभीर मसले पर हमने वन मंडलाधिकारी (दक्षिण-सामान्य) विजयानंथम टीआर से चर्चा की। उन्होंने बताया कि वे अभी इस जानकारी से अनभिज्ञ हैं। उन्होंने आगे कहा कि थोड़े बहुत पेड़ प्रोडक्शन में छोड़े जाते हैं, लेकिन इधर प्रोडक्शन नहीं है। इसके बावजूद अगर ऐसे हालात हैं तो निश्चित ही इसे देखना होगा।
उन्होंने बताया कि सलबेरर नामक एक कीट होता है जो पेड़ के अंदर ही अंदर उसे डेमेज करता है। अगर इस कीट का असर होगा और उससे ऐसा हो रहा होगा तो जरूर इसका सर्वे करवाकर उचित उपाय करेंगे।
- Read Also : भाजपा नेता रविंद्र देशमुख सुसाइड केस में दो आरोपी गिरफ्तार, जेल भेजा
- Read Also : Drumstick cultivation : सहजन की खेती से किसान बन गया करोड़पति
- Read Also : Hathi Ka Video : हाथी ने शेरों से बचाई भैंसे की जान, दिल जीत लेगा अंदाज
देश-दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | Trending खबरों के लिए जुड़े रहे betulupdate.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए सर्च करें betulupdate.com