⇓ अनिल बेदाग, मुंबई/नई दिल्ली
Good News : खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार के अध्यक्ष मनोज कुमार ने गांधी जयंती के अवसर पर देश भर के लाखों खादी कारीगरों की पारिश्रमिक बढ़ाने की घोषणा की। चरखे पर सूत कातने वाली कत्तिनों की पारिश्रमिक में 25 प्रतिशत और करघे पर बुनाई करने वाले बुनकरों की पारिश्रमिक में 7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
इसके साथ ही, गांधी जयंती के अवसर पर नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित फ्लैगशिप खादी भवन समेत देश भर में खादी उत्पादों पर 20 प्रतिशत और ग्रामोद्योग उत्पादों पर 10 प्रतिशत छूट की भी शुरुआत हुई। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण तथा रसायन व उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी, केंद्रीय एमएसएमई और श्रम व रोजगार राज्य मंत्री सुश्री शोभा कलंदलाजे समेत केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार और कई गणमान्य लोगों ने परंपरा के अनुसार बाबा खड़क सिंह मार्ग स्थित खादी भवन में खरीददारी कर गांधी जयंती के अवसर पर खादी उत्पादों पर शुरू होने वाली विशेष छूट का शुभारंभ किया।
नड्डा ने खरीदा कुर्ते का कपड़ा
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने खादी के कुर्ते का कपड़ा और ग्रामोद्योग उत्पाद खरीदे और ऑनलाइन माध्यम से भुगतान किया। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने देशवासियों से खादी के उत्पाद खरीदने की अपील की। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री एमएसएमई जीतन राम मांझी ने भी मीडिया के माध्यम से जनता से अपील की कि वो खादी और स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और आत्मनिर्भर अभियान का हिस्सा बने।
पीएम के जन्मदिन पर हुई थी घोषणा
इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने विगत 17 सितंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर पूज्य बापू के जन्मस्थान पोरबंदर में आयोजित एक कार्यक्रम में चरखे पर सूत कातने वाली कत्तिनों की पारिश्रमिक में 25 प्रतिशत और बुनकरों की पारिश्रमिक में 7 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की गयी थी। ये बढ़ी हुई पारिश्रमिक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर 2024 से लागू हो गयी है।
अभी इतना मिलता है पारिश्रमिक
उन्होंने आगे कहा कि अभी तक कत्तिनों को प्रति लच्छा 10 रुपये की मजदूरी मिलती थी, जिसे 2.50 रुपये बढ़ाकर 12.50 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि उनके कार्यकाल में दूसरी बार कत्तिनों और बुनकर की पारिश्रमिक बढ़ाई गयी है। इससे पहले 1 अप्रैल 2023 को 7.50 रुपये से बढ़ाकर इसे 10 रुपये प्रति लच्छा किया गया था।
इतने कारीगरों को मिल रहा रोजगार
उन्होंने बताया कि देश भर में करीब 3000 पंजीकृत खादी संस्थाएं हैं जिनके माध्यम से 4.98 खादी कारीगरों को रोजगार मिल रहा है, जिसमें 80 प्रतिशत के करीब महिलाएं है। बढ़ी हुई पारिश्रमिक से इन्हें आर्थिक रूप से नई शक्ति मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में अभी तक 213 प्रतिशत के करीब पारिश्रमिक बढ़ाई गयी है, जोकि इस बात का प्रतीक है कि खादी के माध्यम से ग्रामीण भारत आर्थिक रूप से सशक्त हो रहा है।
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