Mahatma Gandhi : बैतूल के खेड़ी और बारालिंग आए थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी

Mahatma Gandhi : बैतूल के खेड़ी और बारालिंग आए थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी

⇓ मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़ (बैतूल)

Mahatma Gandhi : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की दांडी यात्रा के वैसे तो बहुत से मायने हैं। सच कहा जाए तो उन्होंने दांडी यात्रा के माध्यम से अंग्रेजी सल्तनत को हिलाकर रख दिया था। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की बात करे तो महात्मा गांधी का सानिध्य इस जिले को भी प्राप्त हो चुका है।

Mahatma Gandhi : बैतूल के खेड़ी और बारालिंग आए थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी

उन्होंने यहां बैतूल में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरदीचंद गोठी के निवास पर कुछ समय बिताया। वहीं वे दांडी यात्रा यानी पदयात्रा के दौरान खेड़ी सांवलीगढ़ भी आए। खेड़ी सांवलीगढ़ में उन्होंने गांधी चौक में ग्रामीणों की बैठक ली। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में फैले छुआछूत जैसे भेदभाव को मिटाया।

 

उन्होंने देखा कि गांव में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के पानी भरने के कुएं अलग थे। उन्हें पंचायती या सार्वजनिक कुओं से पानी नहीं भरने दिया जाता था। उन्होंने गांव पटेल मोतीलाल ठाकरे, सुंदर लाल ठाकरे सरपंच से बात कर इस भेदभाव को मिटाया। और पंचायती कुएं से सभी को पानी भरने की स्वतंत्रता दिलाई।

इसके पश्चात वे दांडी यात्रा के दौरान ताप्ती नदी के तट बारालिंग पहुंचे। अंग्रेज महिला मीरा बेन जो बारालिंग में ही रहती थी, उनसे मुलाकात की और संत रंगराव महाराज से भेंट कर पुन: बैतूल पहुंचे और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरदीचन्द गोठी के निवास पर रुके।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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