केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- मध्यप्रदेश के एसएचजी को मिलें ज्यादा से ज्यादा ड्रोन
Drone Policy MP : भोपाल (एमपी पोस्ट)। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विशेष पहल पर 1261 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मध्यप्रदेश सहित देश के महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को 15,000 ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने बीते दिनों मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एमपी पोस्ट को बताया कि उनका प्रयास रहेगा कि मध्यप्रदेश के महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को यहाँ की संख्या के हिसाब से ज्यादा से ज्यादा ड्रोन मिलें। मध्यप्रदेश के कुछ (एसएचजी) की सदस्य महिलाओं ने शिवराज सिंह चौहान से भेंट कर योजना के तहत जल्द से जल्द ड्रोन उपलब्ध कराने की बात कही है।
इस योजना के तहत 2023-24 से 2025-2026 की अवधि के दौरान चरणबद्ध तरीके से 15,000 चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि उद्देश्य के लिए किसानों को किराये की सेवाएं प्रदान करने के लिए ड्रोन उपलब्ध कराना है। यह योजना कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्ल्यू), ग्रामीण विकास विभाग (डीओआरडी) और उर्वरक विभाग (डीओएफ), महिला स्वयं सहायता समूहों और प्रमुख उर्वरक कंपनियों (एलएफसी) के संसाधनों और प्रयासों को एकीकृत करके समग्र हस्तक्षेप करेगा।
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मध्यप्रदेश सहित देश के ऐसे उपयुक्त क्लस्टरों की पहचान की जाएगी जहां ड्रोन का उपयोग आर्थिक रूप से व्यवहार्य है और पहचाने गए क्लस्टरों में विभिन्न राज्यों में प्रगतिशील 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए चुना जाएगा।
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बीते 11 मार्च 2024 को नमो ड्रोन दीदी अभियान के तहत, मध्यप्रदेश के 89 महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को आधुनिक ड्रोन प्रदान किए हैं। नवीन योजना के तहत मध्यप्रदेश को ज्यादा से ज्यादा ड्रोन मिले, ऐसा प्रधानमंत्री जी से अनुरोध करेंगे। एक जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में इस समय लगभग साढ़े पांच लाख (एसएचजी) कार्यरत हैं।अब देखना यह है कि इनमें से कितने (एसएचजी) को इस योजना का लाभ मिलेगा।
ड्रोन की खरीद के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन और सहायक उपकरण,सहायक शुल्क की लागत का 80% की दर से केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जो अधिकतम आठ लाख रुपये तक होगी। स्वयं सहायता समूहों के क्लस्टर स्तरीय संघ (सीएलएफ) राष्ट्रीय कृषि अवसंरचना वित्तपोषण सुविधा (एआईएफ) के तहत ऋण के रूप में शेष राशि (खरीद की कुल लागत में से सब्सिडी घटाकर) जुटा सकते हैं। एआईएफ ऋण पर 3% की दर से ब्याज सहायता प्रदान की जाएगी।
महिला स्वयं सहायता समूहों की एक सदस्य जो अच्छी तरह से योग्य हो, जिसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक हो, उसे एसआरएलएम और एलएफसी द्वारा 15 दिवसीय प्रशिक्षण के लिए चुना जाएगा, जिसमें 5 दिवसीय अनिवार्य ड्रोन पायलट प्रशिक्षण और पोषक तत्व और कीटनाशक आवेदन के कृषि उद्देश्य के लिए अतिरिक्त 10 दिवसीय प्रशिक्षण शामिल है।
एसएचजी के अन्य सदस्य,परिवार के सदस्य जो बिजली के सामान, फिटिंग और यांत्रिक कार्यों की मरम्मत करने में रुचि रखते हैं, उन्हें राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) और एलएफसी द्वारा चुना जाएगा, जिन्हें ड्रोन तकनीशियन, सहायक के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। ये प्रशिक्षण ड्रोन की आपूर्ति के साथ एक पैकेज के रूप में प्रदान किए जाएंगे। इस योजना से किसानों के लाभ के लिए कृषि में उन्नत प्रौद्योगिकी को शामिल करने, बेहतर दक्षता, फसल की पैदावार बढ़ाने और परिचालन लागत को कम करने में मदद मिलेगी। (ड्रोन पर क्रमशः)
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