Betul Samachar : बैतूल। बार-बार शिकायत के बाद भी जब समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो एक ग्रामीण मंगलवार को सीधे कलेक्टर की जनसुनवाई में आ गया। यहां उसने अपनी आपबीती सुनाई तो कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी के सामने प्रशासनिक कार्यशैली की पोल खुल गई। इस पर उन्होंने सख्त निर्णय लेते हुए राजस्व अधिकारियों के लिए नई व्यवस्था ही बना डाली।
दरअसल, आज एक ग्रामीण अपनी समस्या लेकर आया था। उसने बताया कि उसके खेत जाने का रास्ता दबंगों ने बंद कर दिया है। इस बारे में चार बार शिकायत कर चुका हूं। इसके बावजूद कुछ नहीं हो रहा है। यह समस्या सुनकर कलेक्टर को यह भांपते देर नहीं लगी कि उनके मातहत किस अंदाज में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।
यही कारण है कि उन्होंने जनसुनवाई के बाद सभी राजस्व अधिकारियों को दो टूक कह दिया कि प्रकरणों के निराकरण करने फील्ड में जाए और रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसके साथ ही उन्होंने राजस्व अधिकारियों के अवकाश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। कलेक्टर के इस रूख के बाद राजस्व अमले में हड़कंप मच गया है।
सीएम ने दिए थे यह निर्देश
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठकों में वीसी के माध्यम से सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि सीएम हेल्पलाइन में छोटे-छोटे प्रकरण न आए। इसके लिए जिला मुख्यालय के अलावा तहसील मुख्यालयों पर भी जनसुनवाई शुरू करें। जिला मुख्यालय के अलावा तहसील स्तर पर भी जनसुनवाई हो रही है, लेकिन यह मात्र औपचारिक बनकर रह गई है।
तहसीलों में नहीं होता निराकरण
दरअसल तहसील स्तर की जनसुनवाई में प्रकरणों का निराकरण न होने के कारण पैसा खर्च कर शिकायतकर्ता को जिला मुख्यालय आकर जनसुनवाई में अपनी समस्या बताना पड़ रहा है। यही वजह है कि उन्हें अपने पैसे के अलावा समय की बर्बादी करना पड़ रहा है। दूसरी ओर जिला मुख्यालय पर शिकायतों का अंबार भी बढ़ता जाता है।
कलेक्टर ने की थी पहल (Betul Samachar)
कलेक्टर ने पदभार ग्रहण करने के बाद जिले की अलग-अलग तहसीलों में समस्या निवारण शिविर लगाकर अच्छी शुरुआत की थी। इसके फायदे भी मिले, लेकिन लोकसभा की आचार संहिता के बाद से तहसील स्तर पर जनसुनवाई स्थगित है।
आचार संहिता खत्म होने के बाद जनसुनवाई शुरू हुई तो बैतूल की जनसुनवाई में बड़ी संख्या में लोग शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। इससे अधिकारियों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। यदि दोबारा तहसील स्तर पर जनसुनवाई शुरू हो जाए तो कई प्रकरणों का निराकरण हो सकता है।
राजस्व के होते सर्वाधिक मामले (Betul Samachar)
मंगलवार को कलेक्टर के जनसुनवाई में तीखे तेवर से राजस्व अमले में हड़कंप मच गया। सूत्र बताते हैं कि राजस्व के मामलों की सबसे अधिक शिकायत पहुंचने के बाद कलेक्टर सूर्यवंशी नाराज हो गए। जनसुनवाई खत्म होने के पहले ही उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों की क्लास ले डाली। दो टूक शब्दों में कलेक्टर ने कहा कि राजस्व प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण करें।
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कार्यशैली से खफा हुए कलेक्टर (Betul Samachar)
यदि प्रकरण लंबित पाए जाते हैं तो संबंधितों पर कार्रवाई तय करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आप लोग फील्ड में नहीं जाते हैं और कार्यालय में बैठे रहते हैं। आपके चक्कर में जनता परेशान हो रही, यह बिलकुल नहीं चलेगा। अब सभी फील्ड में जाकर राजस्व प्रकरणों का निराकरण करें और मुझे वाट्सएप पर रोज रिपोर्ट करें।
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मुख्यालय भी नहीं छोड़ सकेंगे (Betul Samachar)
इसके साथ ही उन्होंने राजस्व अधिकारियों के अवकाश पर प्रतिबंध लगाते हुए बिना उनकी अनुमति के मुख्यालय छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कलेक्टर के इस रूख के बाद राजस्व अमले में जबरदस्त हड़कंप की खबर है।
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